चरक मेला में दिखी आदिवासी संस्कृति की झलक

आदिवासी गुरु बाबा द्वारा मेले में किया गया शक्ति का प्रदर्शन

By SANJEET KUMAR | June 4, 2025 11:49 PM

राजमहल कोल परियोजना के लौहंडिया पुनर्वास स्थल पर बड़ा भोराय के ग्रामीणों द्वारा चरक मेले का आयोजन किया गया. मेला का उद्घाटन आदिवासी विधि-विधान से जनप्रतिनिधि एवं समिति के सदस्यों द्वारा किया गया. आदिवासी गुरु बाबा द्वारा मेले में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया गया. आदिवासी गुरु खूंटा के सहारे चारों तरफ घूम कर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया. मेले में मशहूर सिंगर राजीव बास्की की टीम द्वारा आदिवासी नृत्य कर दर्शन का मन मोह लिया. मेले में आसपास के दर्जनों गांव के ग्रामीण पहुचकर भरपूर आनंद लिया. मेला समिति के सदस्य ने निगरानी रखा जाता था. सभी सदस्य सक्रिय रूप से कार्य कर रहे थे. मुखिया प्रतिनिधि संझला हांसदा, शिक्षक नीतलाल सोरेन ने बताया कि प्रत्येक वर्ष सभी के सहयोग से आदिवासी के प्रसिद्ध चरक मेला का आयोजन होता है. इस मेला में आदिवासी की सस्कृति की झलक दिखाई पड़ती है. आदिवासी की पहचान अपनी संस्कृति एवं वेशभूषा से होता है कभी भी अपनी संस्कृति को नहीं भूलनी चाहिए. अतिथि प्रमोद हेंब्रम ने कहा कि आदिवासी समाज अभी भी बहुत पिछड़ा हुआ है. इसे विकसित करने के लिए सरकार को आगे आना होगा. उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि अपने बच्चों को शिक्षा दें. आदिवासी ग्रामीण शराब के शिकार हो रहे हैं. इससे बचना आवश्यक है. मौके पर सचिव जीतराम मुर्मू कोषाध्यक्ष संतोष किस्कू, भीम मरांडी, अर्जुन मरांडी, चुन्नू किस्कू, प्रेमलाल हांसदा, जीत लाल मुर्मू, मुन्नीलाल मुर्मू, जीतवरन किस्कू, विनोद मुर्मू, अरुण हेंब्रम, वृद्धिचांद हेंब्रम, ताला बास्की आदि उपस्थित थे.

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