लाखों की लागत से बने सार्वजनिक शौचालय व यूरिनल बेहाल

गोड्डा में स्वच्छ भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां, देखरेख के अभाव में अनुपयोगी

By SANJEET KUMAR | October 17, 2025 10:51 PM

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ और स्वस्थ भारत मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से सार्वजनिक शौचालय और मॉडल यूरिनल का निर्माण किया गया था. लेकिन गोड्डा नगर परिषद क्षेत्र में इस योजना की वास्तविक स्थिति बेहद निराशाजनक है. लाखों की लागत से बने अधिकतर सार्वजनिक शौचालय और यूरिनल देखरेख के अभाव में बेकार साबित हो रहे हैं. नगर परिषद की ओर से शहर के विभिन्न वार्डों में पिछले तीन वर्षों में दर्जनों शौचालय और मॉडल यूरिनल बनाये गये. इनमें से कई की स्थिति ऐसी हो गयी है कि न तो उनका उपयोग हो पा रहा है और न ही वे स्वच्छता के मानकों पर खरे उतरते हैं. जगह-जगह बने इन शौचालयों में पानी की भारी किल्लत है, जिससे गंदगी फैल रही है. दरवाजे, टाइल्स, नल, पाइप और पंप चोरी हो चुके हैं, लेकिन नगर परिषद को इसकी भनक तक नहीं है. सूत्रों के अनुसार, एक सार्वजनिक शौचालय सह स्नानागार पर 20 लाख रुपये से अधिक खर्च हुए हैं, जबकि एक मॉडल यूरिनल के निर्माण में लगभग ढाई लाख रुपये की लागत आयी है. इसके बावजूद हालात बद से बदतर हैं.

यूरिनल की बदहाली की स्थिति

प्रखंड कार्यालय के समीप, कोर्ट परिसर, चिल्ड्रेन पार्क, शनि मंदिर के पास, हटिया चौक, नगर भवन (वार्ड 21) समेत कई स्थानों पर बनाये गये मॉड्यूलर यूरिनल बदहाल हैं. कुछ यूरिनल हमेशा ताले में बंद रहते हैं, तो कई में गंदगी का अंबार लगा है. दरवाजे और बिजली के बल्ब तक गायब हैं और अधिकांश नलों की टोंटी टूटी पड़ी है या पाइप ही चोरी हो गये हैं. इन हालातों के कारण लोग मजबूरी में खुले में शौच या मूत्र त्याग करने को विवश हैं, जो स्वच्छ भारत मिशन की आत्मा के विपरीत है. नगर परिषद की उदासीनता और देखरेख की कमी ने इस महत्वाकांक्षी योजना को मज़ाक बना दिया है. शहरवासियों ने मांग की है कि नगर परिषद शीघ्र स्थिति की समीक्षा करे और इन सार्वजनिक सुविधाओं को चालू हालत में लाने की दिशा में ठोस कदम उठाये.

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