पीएम श्री विद्यालय का दर्जा मिलने के बाद भी नहीं बदली स्थिति
पीएम श्री विद्यालय का दर्जा मिलने के बाद भी नहीं बदली स्थिति
रंका़ रंका प्रखंड के खपरो उत्क्रमित मध्य विद्यालय को पीएम श्री विद्यालय बनने पर कोई बदलाव नहीं हुआ. विद्यालय की पहले ही जैसी स्थिति बनी हुई है. इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. हालात पहले ही जैसा है. इस विद्यालय में कुल 603 बच्चों को पढ़ाने के लिए 12 शिक्षक नियुक्त हैं. इनमें तीन सरकारी शिक्षक और नौ पारा शिक्षक कार्यरत हैं. गौरतलब है कि खपरो उत्क्रमित मध्य विद्यालय वर्ष वर्ष 2023-24 में पीएम श्री विद्यालय बना. पीएम श्री विद्यालय बनने के बाद विद्यालय का रंग – रोगन नहीं हुआ है. विद्यालय के छत से पानी टपकता है. जर्जर भवन में बच्चे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. शौचालय की व्यवस्था ठीक नहीं है. बच्चों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है. टूटी-फूटी बेंच पर बच्चे बैठकर पढ़ने को विवश हैं. पीएम श्री के तहत केजी से वन एवं टू क्लास तक बच्चों को बैठने के लिए मात्र 30 बेंच – डेक्स उपलब्ध कराये गये हैं. इस विद्यालय में कार्यालय लेकर 22 कमरे हैं. इनमें चार कमरा जर्जर हालत में है. विद्यालय में कुल चार शौचालय है. इसमें दो शौचालय खराब है. इसमें पीएम श्री विद्यालय बनने पर एक शौचालय बना हुआ है. लेकिन चालू नहीं हुआ है. शौचालय के ऊपर सिनटैक्स (टंकी) लगा हुआ है. परंतु पाइप लाइन नहीं होने से उसमें पानी नहीं रहता है. शौचालय हाथी का दांत साबित हो रहा है. शौचालय में पानी व्यवस्था नहीं होने से बच्चे शौच के बाहर जाते हैं. एक पुराना शौचालय चालू हालत में है. परंतु बच्चे चापाकल से पानी भरकर शौच जाते हैं. एक किचेन रूम है. विद्यालय में एक भी पौधारोपण नहीं किया गया है. प्रधानाध्यापक विरेंद्र राम ने बताया कि पीएम श्री विद्यालय बनने पर विद्यालय विकास फंड के लिए एक भी पैसा नहीं आया है. जिला से ही पीएम श्री विद्यालय के लिए उपयुक्त सामग्री उपलब्ध कराया गया है. फंड में पैसा नहीं आने के कारण विद्यालय भवन का रंग – रोगन नहीं हुआ है. जिला से ही मात्र पुराने किचेन रूम का रंग – रोगन कर उसमें मध्यान्ह भोजन बनाया जाता है. पहले सीढ़ी के नीचे मध्याह्न भोजन बनता था. उन्होंने बताया कि जिला से ही दो स्मार्ट टीवी, 10 कंप्यूटर, बैंड शेट, एक कैशियो, छह डस्टबिन, लाइब्रेरी के लिए चार आलमिरा, दो साउंड, कुछ खेल सामग्री फुटबॉल एवं क्रिकेट के बैट-बॉल तथा प्लांटेशन के लिए 50 गमला उपलब्ध कराया गया है. इसमें जिला से ही पौधा खरीदकर गमला में लगाया गया है. इसमें कई पौधे मर गये हैं. बच्चों ने बताया कि बैंड शिक्षक नहीं होने के कारण बैंड शेट रखा रहता है. पास-पड़ोस के ग्रामीणों ने बताया कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय को पीएम श्री विद्यालय बनने पर विद्यालय में कुछ बदलाव नहीं आया है. पहले की भांति ही सबकुछ यथावत है. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रहा है. इस संबंध में पूछे जाने पर जिला शिक्षा अधीक्षक नागेश्वर मिंज ने कहा कि पीएम श्री विद्यालय डीईईओ देखते हैं. डीइइओ से प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क साधा गया, परंतु डीइइओ फोन रिसीव नहीं किया.
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