मोबाइल नहीं तो इलाज नहीं! घंटों भटकते रहा दिव्यांग मरीज
सदर अस्पताल में ऑनलाइन पर्ची ने बढ़ाई मरीजों की परेशानी
सदर अस्पताल में ऑनलाइन पर्ची ने बढ़ाई मरीजों की परेशानी प्रतिनिधि, गढ़वा गढ़वा सदर अस्पताल में ओपीडी के लिए ऑनलाइन पर्ची (रजिस्ट्रेशन) की अनिवार्यता गरीब, ग्रामीण और दिव्यांग मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन गयी है. सोमवार को मोबाइल फोन नहीं होने के कारण सोनपुरवा मोहल्ला निवासी दिव्यांग मुकेश कुमार सिंह घंटों तक अस्पताल परिसर में भटकते रहे, लेकिन उनकी पर्ची नहीं बन सकी. दोनों हाथों से दिव्यांग मुकेश न तो मोबाइल चला सकते हैं और न ही उनके पास मोबाइल है. कई लोगों से मदद मांगने के बाद भी किसी ने अपने मोबाइल से उनकी पर्ची नहीं काटी. निराश होकर वे बिना इलाज कराये घर लौट रहे थे, तभी एक पत्रकार के हस्तक्षेप से उनकी ऑफलाइन पर्ची बन सकी और उनका इलाज हुआ. कई मरीजों को हुई कठिनाई मुकेश कुमार सिंह अकेले ऐसे मरीज नहीं थे. मेराल प्रखंड के परसही गांव के पोखन राम और नवादा की सुशीला देवी समेत कई मरीज मोबाइल नहीं होने के कारण पर्ची नहीं बनवा सके. मरीजों ने कहा कि दूर-दराज से इलाज की उम्मीद लेकर आते हैं, लेकिन मोबाइल और इंटरनेट सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें बिना इलाज लौटना पड़ता है. इलाज कैसे कराएं? मरीजों ने पूछा कि हर किसी के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट नहीं है, तो वे उपचार कैसे करायें? उन्होंने मांग की कि ऐसे लोगों के लिए अस्पताल में ऑफलाइन पर्ची की पर्याप्त और सुगम व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनो सुविधा उपलब्ध: सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ जान एफ केनेडी ने कहा कि सदर अस्पताल में ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरह से पर्ची काटने की व्यवस्था है. मोबाइल नहीं रखने वाले मरीज आसानी से ऑफलाइन पर्ची बनवा सकते हैं. इसके लिए काउंटर पर व्यवस्था दी गयी है.
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