झारखंड सरकार मजदूर व किसानों के पक्ष में नहींः विंदेश्वरी

नुक्कड़ नाटक कर बिचौलियों का किया विरोध

By Akarsh Aniket | December 10, 2025 9:06 PM

नुक्कड़ नाटक कर बिचौलियों का किया विरोध 15 दिसंबर को प्रखंड कार्यालय के समक्ष होने वाले धरना प्रदर्शन में किसानों से शामिल होने की अपील की प्रतिनिधि, मझिआंव क्रांतिकारी किसान मजदूर यूनियन के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष विंदेश्वरी पाल उर्फ अशोक पाल ने मझिआंव बाजार सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ सभाओं का आयोजन कर किसानों को जागरूक किया. बुधवार को मझिआंव के साप्ताहिक बाजार में आयोजित नुक्कड़ सभा में उन्होंने किसानों के हक की लड़ाई और बिचौलियों के विरोध में आगामी 15 दिसंबर को प्रखंड कार्यालय के समक्ष होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की. सभा के दौरान विंदेश्वरी पाल ने कहा कि झारखंड सरकार मजदूर और किसानों के पक्ष में नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि धान क्रय केंद्र और पैक्स की दुकानों के बंद होने से व्यापारी किसानों से कम दामों पर धान खरीद रहे हैं, जिससे किसानों को खेती में भारी घाटा हो रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किये गये इस घोषणा कि किसानों की आय दोगुना करेंगे का कोई असर नहीं दिखा और यह महज एक घोषणा बनकर रह गया है. अशोक पाल ने खजुरी सिंचाई जलाशय योजना का भी जिक्र किया, जिस पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन नहर निर्माण का काम अधूरा पड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस योजना से किसानों को कोई लाभ नहीं हुआ है और इसका सीधा असर खेती पर पड़ रहा है. विशेष रूप से खजुरी ग्राम पंचायत के चार गांव बिरबंधा, भुसुआ, अमर और खजुरी-पूरी तरह खेती और किसानी पर निर्भर हैं, लेकिन अब नगरपालिका का टैक्स उन पर अतिरिक्त बोझ बन गया है. इसके अलावा, उन्होंने झारखंड में बटाईदारी कानून की कमी पर भी नाराजगी जतायी. उन्होंने बताया कि खेती करने वाले बटाईदार किसानों को बिना ज़मीन के रसीद के धान बेचने का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता, जिससे बटाईदार किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सभा में उपस्थित ग्रामीणों ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की. फुलेश्वर चौधरी, रामचंद्र चौधरी (पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष), भाई भरत कुमार कुशवाहा (12 नंबर वार्ड पार्षद), भाई प्रमोद पाल (10 नंबर पूर्व वार्ड पार्षद), इबरार खां, शहीद खां, अशोक साह, भोला महतो, किशुन साह और देवधारी महतो सहित अन्य ग्रामीणों ने इस आंदोलन का समर्थन करते हुए किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया.

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