तुलसीदामर डोलोमाइट खदान को फिर से चालू कराने की दिशा में तेज हुआ प्रयास
विधानसभा में उठा मामला, सेल ने मांगी 20 साल की लीज
विधानसभा में उठा मामला, सेल ने मांगी 20 साल की लीज विजय सिंह, भवनाथपुर स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के भवनाथपुर खदान समूह के अंतर्गत आने वाली तुलसीदामर डोलोमाइट खदान को पुनः चालू कराने के लिए प्रयासों की गति बढ़ गयी है. यह खदान 16 फरवरी 2020 से बंद पड़ी है, जब इसका लीज नवीनीकरण नहीं हुआ. इसके कारण भवनाथपुर और श्री वंशीधर नगर क्षेत्र के हजारों लोग बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं और पलायन करने को मजबूर हो गये हैं. तुलसीदामर खदान कभी भिलाई, बोकारो और राउरकेला जैसे बड़े स्टील प्लांटों को डोलोमाइट की आपूर्ति करती थी, जो इन प्लांट्स के संचालन के लिए एक अहम कच्चा माल है. हाल ही में झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधायक अनंत प्रताप देव ने इस मामले को उठाया था. इस पर सरकार के विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने सदन को जानकारी दी कि खदान को चालू करने के लिए माइनर मिल्स रूल के तहत खनन पट्टा नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है, और जल्द ही खदान खुलने की उम्मीद है. सेल ने मांगी 20 साल की लीज सेल प्रबंधन इस खदान को फिर से चलाने में दिलचस्पी दिखा रहा है. भवनाथपुर खदान समूह के उपमहाप्रबंधक श्याम उज्जवल मेदा ने बताया कि सेल ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर 20 वर्षों के लिए लीज नवीनीकरण की मांग की है, जो अभी सरकार के पास विचाराधीन है. रोजगार की उम्मीद स्थानीय लोगों में खदान के फिर से खुलने की उम्मीद से खुशी की लहर है. खदान का फिर से चालू होना हजारों लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर खोलेगा. साथ ही, अब डोलोमाइट डिस्पैच के लिए पास के बंशीधर नगर रेलवे स्टेशन का उपयोग करने की योजना भी बनायी जा रही है, जिससे प्रबंधन को ढुलाई में सहूलियत होगी. खदान की बंदी से पहले यह क्षेत्र खनन उद्योग में प्रमुख था, लेकिन खदान बंद होने के बाद स्थानीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा. क्षेत्र में बेरोजगारी और पलायन बढ़ा, जिससे स्थानीय समाज और अर्थव्यवस्था दोनों ही प्रभावित हुए. अब, खदान के पुनः संचालन से इलाके की अर्थव्यवस्था में नयापन और जीवंतता वापस आने की उम्मीद जतायी जा रही है.
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