East singhbhum news: स्वशासन व्यवस्था को मजबूत कर आदिवासी समाज के उत्थान का संकल्प

गुड़ाझोर. माझी परगना महाल के महुलिया तोरोफ का सामाजिक सम्मेलन, 37 गांवों के ग्रामीण जुटे

By DEVENDRA KUMAR | April 28, 2025 1:30 AM

गालूडीह. घाटशिला प्रखंड की बाघुड़िया पंचायत स्थित गुड़ाझोर मैदान में रविवार को माझी परगना महाल के महुलिया तोरोफ का सामाजिक सम्मेलन का आयोजन हुआ. सम्मेलन में 37 गांवों के ग्राम प्रधान व ग्रामीण पारंपरिक परिधान में शामिल हुए. सुबह से शाम तक चले सम्मेलन में आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को मजबूत करने का संकल्प लेते हुए सामाजिक उत्थान पर जोर दिया गया. सम्मेलन में आदिवासी समाज की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, संवैधानिक अधिकारों और सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी मंथन किया गया. साथ ही आदिवासी समाज के शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक, रोजगार जैसे मुद्दे व परंपरा पर विचार- विमर्श किया गया. सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, विशिष्ठ अतिथि महाल के देश परगना बैजू मुर्मू शामिल हुए. सुबह में समाज का झंडोत्तोलन कर सम्मेलन का उद्घाटन किया गया. इसके बाद शहीद महापुरुषों को श्रद्धांजलि दी गयी. सम्मेलन में रामदास सोरेन ने घोषणा की कि मांझी परगना महाल को वे एक बोलेरो वाहन देंगे, जिसका संचालन देश परगना करेंगे. वाहन में प्रति माह तेल का खर्च 10 हजार रुपये जिला परिषद की चेयरमैन बारी मुर्मू देंगी. रामदास सोरेन ने कहा कि समाज के लिए तुपुनाई घाट दिगड़ी घाट में निर्माण करायेंगे. जहां समाज के लोग अस्थि विसर्जन कर सकते हैं. मंत्री ने एक परगना भवन निर्माण कराने की भी घोषणा की. परगना भवन कहां-कहां बनेगा, यह महाल के लोग तय करेंगे. मंत्री ने कहा कि समाज है तो हम हैं. पेसा कानून जल्द लागू होगा. पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र के नियमों का पालन जरूरी है. हेमंत सोरेन की सरकार पेसा कानून, सरना धर्म कोड पारित कर भेज दी है. पर केंद्र सरकार कुंडली मार बैठी है. आदिवासीयत तभी बचेगी जब हमारी परंपरा, संस्कृति, भाषा बचेगा. इसे बचाने में महाल अहम भूमिका निभा रहा है. ट्राइबल यूनिवर्सिटी में भाषा के शिक्षक की होगी बहाली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि बहुत जल्द आदिवासियों की शिक्षा के लिए हेंदलजुड़ी में ट्राइबल यूनिवर्सिटी की सौगात मिलेगी. यूनिवर्सिटी में भाषा से संबंधित शिक्षक की नियुक्ति होगी. भूमिज लिपि को भी मान्यता मिले, इसके लिए हम पहल करेंगे. ताकी भाषा और समुदाय का संरक्षण मजबूती से हो सके. सम्मेलन में देश परगना बैजू मुर्मू, देश परानिक दुर्गा चरण मुर्मू, जयरेत बीरेन टुडू, महुलिया तोरोफ परगना चंद्राई हांसदा, महुलिया परानिक शास्त्री हेंब्रम, तोरोफ परगना हरिपद मुर्मू, दाशमत हांसदा, कुचुंग दिसोम परानिक नवीन मुर्मू, जुगसलाई परानिक रामराई हांसदा, गोदेट सुशील मुर्मू, माझी बाबा लक्ष्मी चरण सोरेन, जगन्नाथ सोरेन, रायसेन मुर्मू, पुरुषोत्तम सोरेन, होदेल सोरेन, रामचंद्र सिंह, सुनील टुडू, चुनका हेमब्रम, लक्ष्मण मार्दी, लुखु टुडू, कर मुर्मू, भाटो सोरेन, सुकलाल मुर्मू, जाटा मांडी, हरिदास सोरेन, जितराई हेमब्रम, लक्ष्मण मुर्मू, हपना मुर्मू, महेश्वर मुर्मू, झामुमो जगदीश भकत, दुर्गा मुर्मू, वकील हेंब्रम, काजल डॉन, सोनाराम सोरेन समेत अनेक ग्रामीण उपस्थित थे. समाज में महिलाओं को समान अधिकार मिले: बारी मुर्मू 27जी 34- प्रार्थना करती महिलाएं जिला परिषद की चेयरमैन जिला परिषद् बारी मुर्मू ने कहा कि समाज में महिलाओं का भी उतना ही अधिकार चाहिए, जितना पुरुषों को मिलता है. सभी माझी बाबा यह सुनिश्चित करे कि समाज उत्थान में महिलाओं को भी समाज में बराबर भागीदार मिले. ग्राम प्रधान अपने ग्राम के सभी बच्चों की पढ़ाई का ध्यान रखे और बच्चों को के साथ महीने में एक बार बैठक करें. देश परगना बैजू मुर्मू ने समाज में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि महिलाओं का समाज में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है. उनकी सक्रिय भागीदारी से आदिवासी समाज को और सशक्त बनाया जा सकता है. उन्होंने शिक्षा, सामाजिक कार्यों और पारंपरिक नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया.

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