नक्सली कंचन यादव की जगह रौशन को भेजा गया है दुमका
खुलासा. पुलिसिया पूछताछ में जोनल कमांडर मोछू ने खोले कई राज... कंचन यादव मसलिया इलाके में ज्यादा सक्रिय था पुलिस मामले को खंगालने में जुटी दुमका कोर्ट : 31.53 लाख रुपये, दो कार, दो कारतूस तथा अपने साले व सहयोगियों के साथ धरे गये नक्सली जोनल कमांडर मिथिलेश उर्फ मोछू ने खुलासा किया है कि […]
खुलासा. पुलिसिया पूछताछ में जोनल कमांडर मोछू ने खोले कई राज
कंचन यादव मसलिया इलाके में ज्यादा सक्रिय था
पुलिस मामले को खंगालने में जुटी
दुमका कोर्ट : 31.53 लाख रुपये, दो कार, दो कारतूस तथा अपने साले व सहयोगियों के साथ धरे गये नक्सली जोनल कमांडर मिथिलेश उर्फ मोछू ने खुलासा किया है कि भाकपा माओवादी संगठन ने कंचन दा के पकड़े जाने के बाद रिजनल कमेटी मेंबर रौशन दा को दुमका भेजा है. कंचन यादव मसलिया इलाके में ज्यादा सक्रिय था. उसने बताया कि संताल परगना क्षेत्र में सैक मेम्बर के रूप में विजय दा एवं रिजनल कमेटी मेम्बर रौशन, तथा जोनल कमेटी के सचिव के रूप में सहदेव राय उर्फ ताला दा, जोनल कमेटी सदस्य के रुप में सुधीर किस्कू व पीसी दी तथा सबजोनल कमांडर के रूप में उषा दी व रिमिल सक्रिय है.
झामुमो नेता ने करा ली थी जबरन जमीन की रजिस्ट्री
गिरफ्तार जोनल कमांडर मिथिलेश मंडल ने पुलिस को बताया कि वह अपने परिवार का इकलौता वारिस है. एकलौता होने के कारण उसकी बहुत जमीन है. उसकी जमीन पर झामुमो के दबंग नेता की नजर लगी हुई थी. वर्ष 2008 में पहले उसने रुपये का लालच देकर जमीन लेना चाहा. इनकार कर देने पर एक दिन अपने शार्गिदों से पकड़वाकर अपने घर में हाथ पैर बांधकर मारपीट की. पिस्तौल का भय देकर जबरन गाड़ी में गिरिडीह कोर्ट ले जाकर जमीन की रजिस्ट्री करा ली. उसके बाद उसके अपने आदमी से लोहरी मोड़ के पास उसके उपर गोली चलवायी. गोली से बचने के बाद वह भागकर जोक्टियाबाद गांव में वैद्यनाथ तिवारी के घर चला गया, जो भाकपा माओवादी का सदस्य था. उसके माओवादी संगठन से प्रभावित होकर उसके साथ घूमने लगा.
