धनबाद : कोर्ट मोड़ एएनएम हॉस्टल में हाल में पीएमसीएच सरायढेला से शिफ्ट की गयी जीएनएम छात्राएं भारी परेशानी का सामना कर रही हैं. लगभग एक सौ जीएनएम छात्राओं ने मंगलवार को समाहरणालय पहुंच कर उपायुक्त ए दोड्डे से शिकायत की. बताया कि सरायढेला का हॉस्टल जर्जर हो गया था, उन्हें कोर्ट मोड़ स्थित एएनएम हॉस्टल में शिफ्ट किया गया है, लेकिन यहां कोई सुविधा नहीं है.
80 की क्षमता वाले इस हॉस्टल में दो सौ से ऊपर छात्राएं रह रही हैं. एक हॉल में लगभग 42 छात्राओं को रात गुजारनी पड़ रही है. पाने का पानी नहीं मिल रहा है. शौचालय काफी नीचे है, उसमें पानी भर गया है. मजबूरी में तीन दिनों से बाहर सुलभ शौचालय में पैसे देकर जाना पड़ रहा है. वहीं एक-एक रूम में सात से आठ छात्राएं रह रही हैं.
80 की क्षमता वाले इस हॉस्टल में दो सौ से ऊपर छात्राएं रह रही हैं. एक हॉल में लगभग 42 छात्राओं को रात गुजारनी पड़ रही है. पाने का पानी नहीं मिल रहा है. शौचालय काफी नीचे है, उसमें पानी भर गया है. मजबूरी में तीन दिनों से बाहर सुलभ शौचालय में पैसे देकर जाना पड़ रहा है. वहीं एक-एक रूम में सात से आठ छात्राएं रह रही हैं.
हम लोग जानवरों की तरह जिंदगी जीने को विवश हो गये हैं. उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों से बातचीत कर परेशानी को जल्द खत्म करने का आश्वासन दिया. छात्राएं समाहरणालय में लगभग ढाई घंटे तक रहीं. सुबह में जीएनएम छात्राएं अपनी कक्षाएं व प्रैक्टिकल के लिए पीएमसीएच नहीं गयीं. अस्पताल व कक्षाओं का बहिष्कार कर यूनिफॉर्म में ही छात्राएं सीधे समाहरणालय पहुंच गयीं. मंगलवार को जनता दरबार भी लगता है. छात्राओं का एक प्रतिनिधिमंडल डीसी से मिलने गया, जबकि दर्जनों परिसर में भींग कर भी डटी रहीं.
सितंबर में आयेंगी नयी 70 छात्राएं
: हॉस्टल को लेकर बड़ी परेशानी और आने वाली है. सितंबर में तीस नये एएनएम व 40 जीएनएम छात्राएं आने वाली हैं. इसके लिए सरकार ने परीक्षा ले ली है. इस 70 छात्राओं को कहां रखा जायेगा. इसको लेकर स्कूल प्रबंधन अभी से परेशान है.
आसमान से गिरे तो खजूर में लटके
जीएनएम छात्राएं इस दिन भारी संकट से जूझ रही हैं. पीएमसीएच के पास उनका हॉस्टल था. लेकिन पांच वर्षों से जर्जर हॉस्टल में आये दिन प्लास्टर गिर रहे थे. इसके शिफ्टिंग को लेकर हेल्थ डायरेक्टर से लेकर कई बार हाई कमेटी की टीम निरीक्षण कर चुकी थी. लेकिन शिफ्टिंग नहीं हो पायी. पिछले दिनों पहली बारिश से फिर से भारी मात्रा में प्लास्टर गिरने लगे. आनन-फानन में प्रबंधन ने यहां की छात्राआें को कोर्ट मोड़ स्थित एएनएम हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया, लेकिन यहां आकर भी छात्राएं भारी परेशानी में फंस गयीं. यहां रहने के लिए पर्याप्त कमरे से लेकर बाथरूम, शौचालय, कीचन की व्यवस्था नहीं है.
हॉस्टल में छात्राओं को भारी परेशानी हो रही है. कुछ कमरे हैं, जो बंद हैं, उसे खोलना जरूरी है. वरीय पदाधिकारियों को इससे अवगत कराया गया है.
मनीषा तालुकदार, प्राचार्य, जीएनएम