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अलग से आरक्षण का प्रस्ताव नहीं : मुख्यमंत्री

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. मेरा कोई कोर ग्रुप नहीं है और न ही कभी मैंने इस पर चर्चा की है. उन्होंने कहा : एक अखबार ने मनमाने तरीके से गलत खबर लिख दी है. इससे भ्रम की […]

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. मेरा कोई कोर ग्रुप नहीं है और न ही कभी मैंने इस पर चर्चा की है. उन्होंने कहा : एक अखबार ने मनमाने तरीके से गलत खबर लिख दी है. इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है. इस तरह की चीजें बिना राजनीतिक दलों से बात किये कैसे की जा सकती है. मुख्यमंत्री शनिवार देर रात प्रभात खबर से बात कर रहे थे.

बात कहां से आयी, पता नहीं : मुख्यमंत्री ने कहा : मुङो नहीं पता कि महाराष्ट्र व तमिलनाडु की तर्ज पर मुसलिमों व मूलवासियों को अलग से आरक्षण देने की बात कहां से आयी. मूलवासियों को आरक्षण की बात उठती रहती है. जेपीएससी की परीक्षाओं में भी आरक्षण को लेकर सवाल उठता रहा है.

सरकार ने जेपीएससी से आग्रह किया है कि आरक्षण पर उम्मीदवारों के सवाल सही हैं या गलत, विचार करें. अगर सही हैं, तो पहले जैसी व्यवस्था ही चलेगी और अगर गलत है, तो इसमें संशोधन होगा.

धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं : मुख्यमंत्री ने कहा : संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. किसी को धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता. जो गरीब हैं, पिछड़े हैं, उनके लिए प्रावधान है. पिछड़ों में मुसलमानों को आरक्षण मिलता है.

नीतिगत मामला है : उन्होंने कहा : मेरा अधिकारियों का कोई कोर ग्रुप नहीं है. मेरा कोई कोर ग्रुप है, यह अखबार से ही पता चला. मैंने इस मुद्दे पर कभी कोई विधि विशेषज्ञ से भी बात नहीं की है. यह सब नीतिगत मामला है. ऐसा नहीं होता है कि अधिकारियों के साथ बैठ गये और खिचड़ी पक गयी. अगर आरक्षण पर इस तरह के फैसले लेने भी होते, तो पहले राजनीतिक व सहयोगी दलों से सलाह लेता.

क्या-क्या कहा मुख्यमंत्री ने

एक अखबार ने मनमाने तरीके से गलत खबर लिख दी

भ्रम की स्थिति पैदा की गयी है

मेरा अधिकारियों का कोई कोर ग्रुप नहीं

इस मुद्दे पर कभी विधि विशेषज्ञों से बात नहीं की

ऐसे फैसले राजनीतिक व सहयोगी दलों की सलाह पर लिये जाते हैं

स्थानीय नीति जल्द

मुख्यमंत्री ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि 10 से 15 दिनों में स्थानीय नीति की घोषणा कर दी जायेगी. कई अन्य योजनाओं पर काम चल रहा है. जल्द ही सब सामने आ जायेगा.

कुर्मी को आदिवासी सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा जायेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुर्मी को आदिवासी सूची में शामिल करने की संवैधानिक प्रक्रिया है. सारी प्रक्रियाओं का पालन किया जायेगा. इसके बाद इससे संबंधित प्रस्ताव केंद्र को भेजा जायेगा.

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