गुठनी में अभी तक शुरू नहीं हुई गेहूं की खरीदारी
प्रखंड में अभी तक गेहूं की खरीद शुरू नहीं हुई है. एक अप्रैल से सरकारी स्तर से शुरू हुई गेहूं खरीद में एक छटांक भी अबतक खरीद नहीं हो पायी है. किसानों द्वारा गेहूं खरीद का रजिस्ट्रेशन बहुत कम कराया गया है. पूरे प्रखंड में अभी तक 20 किसानों का ही रजिस्ट्रेशन करना सहकारिता विभाग के अधिकारियों के लिए चुनौती है.
प्रतिनिधि, गुठनी. प्रखंड में अभी तक गेहूं की खरीद शुरू नहीं हुई है. एक अप्रैल से सरकारी स्तर से शुरू हुई गेहूं खरीद में एक छटांक भी अबतक खरीद नहीं हो पायी है. किसानों द्वारा गेहूं खरीद का रजिस्ट्रेशन बहुत कम कराया गया है. पूरे प्रखंड में अभी तक 20 किसानों का ही रजिस्ट्रेशन करना सहकारिता विभाग के अधिकारियों के लिए चुनौती है. प्रखंड में आठ पैक्स कार्यरत हैं. जिनमें राज्य सरकार द्वारा सभी पैक्स को गेहूं खरीद की अनुमति दी गई है. प्रखंड के किसान संसाधनों के अभाव में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और उससे जुड़ी चीजों को पूरा करने में अक्षम साबित हो रहे हैं. गुठनी बीसीओ चिंतेश बैठा ने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी गेहूं खरीद के लिए एमएसपी मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया हैं किसानों के रजिस्ट्रेशन, बैंक डिटेल्स, बेरीफिकेशन, फसल खरीद के बाद उनके खाते में सीधे भेज दिए जायेंगे. 20 किसानों ने कराया है रजिस्ट्रेशन प्रखंड में गेहूं खरीदारी के लिए 20 किसानो ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. जिनमें बलुआ पैक्स में 01, बरपलिया 00, बेलौर 04, बिसवार 01, चिताखाल 03, गुठनी पूर्वी 02, गुठनी पश्चिमी 01, जतौर में 01, पड़री 01, सोहगरा 02, सोनहुला 02 और टड़वा में 02 लाभुक किसानो ने आवेदन दिया है. बीसीओ चिंतेश बैठा ने बताया की 14 रैयत और 06 गैर रैयत के किसानो ने रजिस्ट्रेशन कराया है. पैक्स गोदाम तक लाने और जटिल प्रक्रिया बन रही हैं बाधक किसानों द्वारा बिचौलियों से ही नकदी भुगतान करके गेहूं की बिक्री की जा रही हैं. किसानो को उनके द्वारा 2450 से 2500 रुपये दिए जा रहे हैं. जिला सहकारी समितियों द्वारा समय पूर्व किसानों को जागरूक न करना भी इसका सबसे प्रमुख कारण हैं. किसानों की माने तो खराब मौसम, जटिल प्रक्रिया, समय से भुगतान न होने, दूर से पैक्स गोदाम तक लाने से किसान बच रहे हैं.बीसीओ चिंतेश बैठा का कहना है कि किसानो को गेहूं खरीद में सहभागी बनाने का प्रयास किया जा रहा है. उनको इसके लाभ और सहयोग के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है
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