बेमौसम बारिश ने किसानों की बढ़ायी चिंता

दरौली और गुठनी प्रखंड के सरयू नदी की रेत पर तरबूज के रूप में सोना उपजाने वाले किसानों की किस्मत इस साल भी दगा देती नजर आ रही है. जहां गेहूं की फसल को काफी क्षति और नुकसान पहुंचा है. वहीं बेमौसम बारिश ने मौसमी खेती तरबूज, खरबूज, लौकी और खीरा की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. वहीं किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है.

By DEEPAK MISHRA | April 18, 2025 8:11 PM

प्रतिनिधि. गुठनी. दरौली और गुठनी प्रखंड के सरयू नदी की रेत पर तरबूज के रूप में सोना उपजाने वाले किसानों की किस्मत इस साल भी दगा देती नजर आ रही है. जहां गेहूं की फसल को काफी क्षति और नुकसान पहुंचा है. वहीं बेमौसम बारिश ने मौसमी खेती तरबूज, खरबूज, लौकी और खीरा की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. वहीं किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. इ दरौली, गुठनी, रघुनाथपुर, सिसवन, प्रखंड मुख्यालय के दियारा इलाकों में होने वाले तरबूज, खरबूज, ककड़ी और परवल की खेती पर इस बारिश का व्यापक असर देखने को मिला है. किसानों का कहना था कि इस बारिश से जहां तरबूज की फसल सड़ने लगेगी. वहीं नदी का जलस्तर भी अचानक बढ़ने लगा है. ऐसे में फसलों को जहां नुकसान पहुंचने की संभावना है. नदी में कटाव से फसलो को हुआ नुकसान मौसम की मार झेल रहे किसानों को नदी में हुए कटाव की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. दियारा क्षेत्र में खेती कर रहे किसानों की मानें तो नदी में कटाव से करीब 50 एकड़ से अधिक कृषि योग्य भूमि नदी में समा गई है. जिससे सब्जी, फल और मौसमी फलों को काफी नुकसान पहुंचा है. उनका कहना था कि नदी में कटाव से तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी, शकरकंदी और सब्जियों की खेती प्रभावित हुई है. किसानों की माने तो नदी के पानी में आए तेजी के वजह से यह कटाव हुआ है. यूपी जाती हैं यहां से सब्जियां प्रखंड के दियारा इलाक़ो में गर्मियों के दिन में हरे सब्जियों की खेती करीब 200 एकड़ जमीन में किया जाता है. जिसको यूपी के लार, सलेमपुर, बनकटा, भटनी, बेल्थरा, सहित कई जगहों के ब्यापारी आकर यहा से सब्जियों व मौसमी फलों को ले जाते है.

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