प्राकृतिक आपदा से बचाव लेकर प्रशासन सतर्क

जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने कहा कि अग्निकांड, लू , भीषण गर्मी एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव एवं राहत को लेकर सभी आवश्यक इंतजाम किये गये हैं. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लू, बाढ़, सूखाड़ से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार की गयी है.

By DEEPAK MISHRA | April 12, 2025 9:27 PM

प्रतिनिधि,सीवान.जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने कहा कि अग्निकांड, लू , भीषण गर्मी एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव एवं राहत को लेकर सभी आवश्यक इंतजाम किये गये हैं. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लू, बाढ़, सूखाड़ से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार की गयी है. इसमें जिले के सभी विभागों को इस परिस्थिति में क्या करना है के बारे में जानकारी दी गई है और संबंधित पदाधिकारियों का दायित्व निर्धारण किया गया है. शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में पत्रकारों से वार्ता के दौरान डीएम ने कहा कि लू की समस्या से निबटने व पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है. इस वार्ड में एसी, कूलर व आइस की भी व्यवस्था है. सभी स्वास्थ्य केंद्र में मरीज लाइन में लगकर रजिस्ट्रेशन कराते है और दवा लेते हैं, उनके लिए शेड की व्यवस्था की गई है. लू पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए सभी अस्पतालों में आवश्यक दवाइयाें की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. साथ ही किसी भी पंचायत में अगर कोई लू का शिकार होता है तो उसको शीघ्र नजदीकी अस्पताल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों के एंबुलेंस को विभिन्न पंचायतों से टैग किया गया है. साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के लगभग 1400 से अधिक ऑटो को संबंधित पंचायतों को भी अस्पताल से टैग किया गया है. इसके अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि व समाजसेवियों को भी इस बारे में जानकारी दी गई है. डीएम ने कहा कि यदि कोई व्यक़्ति लू का शिकार होता है तो अविलंब नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में पहुंचकर अपना इलाज कराये. इसके लिए सदर अस्पताल में आने की कोई जरुरत नहीं है. इसी प्रकार अगर सुखाड़ की स्थिति बनती है तो कृषि विभाग द्वारा फसल के लिए जो भी योजना तैयार की जाती है. इसके लिए रिपोर्ट तैयार कर सरकार को उपलब्ध करा दिया गया है. पंचायत में लू चलने के दौरान क्या करें क्या ना करें का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है. गांवों में पेयजल की व्यवस्था हेतु पंचायतों को कार्य योजना बनाकर तथा जल संरक्षण की योजनाओं पर कार्य करवाने को निर्देशित किया गया है. लू से बचाव हेतु मजदूरों के कार्य अवधि को लचीला करने हेतु कार्य अवधि को सुबह छह बजे से दिन 11 बजे तक तथा अपराह्न 3:30 बजे से 6:30 तक निर्धारित किया गया है. खुले में काम करने वाले भवन बनाने वाले का कल कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए पेयजल, आइस पैड, शेड तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करवाने काे निर्देशित किया गया है.

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