बिहार चुनाव : मंत्री पद के बहाने बाहरी का तोहमत उतारने का प्रयास, मुस्लिम वोटरों में बिखराव की संभावना
जाति के नाम पर उम्मीदवारों के पीछे गोलबंद होने लगे मतदाता, पार्टी फैक्टर भी करने लगा है काम, भाजपा अपने कोर वोटरों को रोकने के प्रयास में जुटी, पर जिले के कार्यकर्ताओं में मतभेद से बिगड़ सकता है समीकरण
सासाराम नगर.
2020 के चुनाव में जिले की सातों सीटों से एनडीए का पत्ता साफ हो गया था. इसका असर 2024 के लोकसभा के चुनाव में भी सभी ने देखा. इस हार को जीत में बदलने के लिए भाजपा पूर जोर कोशिश में थी, लेकिन गठबंधन की राजनीति के दबाव में रोहतास जिले में एक भी सीट पर वह स्वयं चुनाव नहीं लड़ रही है. अपने गठबंधन के सहयोगी दलों को उसने सभी सीटें दे दी हैं. इन्हीं में एक सासाराम विधानसभा सीट भी है. यहां 11 नवंबर को मतदान होना है. प्रचार के लिए मात्र तीन दिन शेष बचे हैं. सासाराम में बाहरी का तोहमत उतारने के लिए एनडीए कार्यकर्ता जनता को मंत्री पद से लुभाने में लगे हैं. यह फैक्टर कितना काम करेगा, यह भविष्य तय करेगा. इधर, महागठबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं है. सासाराम में मुस्लिम मतों में बिखराव की भी संभावना बन रही है. इसका कारण एआइएमआइएम और आम आदमी पार्टी है. इन दोनों पार्टियों से मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में हैं, जिससे महागठबंधन को नुकसान होने की संभावना बन रही है. हालांकि, राजद के प्रत्याशी जेल से बाहर आ गये हैं. अब प्रत्याशी भी मैदान में आ गये हैं. ऐसे में डैमेज कंट्रोल की पूरी कोशिश होगी. प्रत्याशी के जेल से बाहर आने पर राजद के स्टार प्रचारकों के आने की उम्मीद बढ़ गयी है. वहीं, एनडीए समर्थित उम्मीदवार के सहयोगी अब तक कई जनसभा हो चुकी हैं, जिसमें भाजपा के दिग्गज नेता पहुंचकर मतदाताओं से वोट की अपील कर रहे हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी आनेवाले हैं, जबकि खुद राज्यसभा सांसद सासाराम की गलियों में खाक छान रहे हैं. एनडीए में पार्टी स्तर से देखें, तो जिले में भाजपा संगठन के रूप में सबसे मजबूत है. लेकिन, इनकी अंतर्कलह से पार्टी के कोर वोटर के खिसने की संभावना बनी हुई है. सासाराम विधानसभा में स्नेहलता को लेकर हो रही जनसभा में भाजपा के कार्यकर्ता की कम उपस्थिति अन्य वोटरों को असमंजस में डाल रहा है. नाजराज कार्यकर्ताओं ने परोक्ष रूप से कहा कि जिला नेतृत्व नहीं चाह रहा कि हम साथ चलें. हमलोगों ने इससे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया है. वहीं, जनसुराज के उम्मीदवार को लेकर पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने रोड शो कर कुछ माहौल बनाने की कोशिश की है. अगर मतदाता जाती के मोह से बाहर आ गए, तो कुछ खेल बनने की संभावना है. निर्दलियों डब्लू भईया की उपस्थिति सबसे उपर है. प्रचार से लेकर जातिय गणित बैठाने की कोशिश जारी है.:::सासाराम विधानसभा एक नजर में:
कुल मतदाता-354277पुरुष-185525महिला-168742अन्य-10कुल बूथ-421
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