Rishushri: मनी लाॅड्रिंग मामले में रिशुश्री के खिलाफ दर्ज हुई FIR, संजीव हंस भी बनाये गये सह आरोपी

Rishushri: सबूतों के आधार पर कहा जाता है कि रिशु श्री के कारनामों की अगर सही से जांच की गयी तो कम से कम एक दर्जन बड़े अफसर सलाखों के पीछे होंगे. ऐसे में रिशु पर हुई प्राथमिकी के बाद कई अफसरों की नींद उड़ी हुई है.

By Ashish Jha | May 2, 2025 3:25 PM

Rishushri: पटना. बिहार पुलिस की विशेष निगरानी इकाई ने रिशु रंजन सिन्हा उर्फ रिशु श्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. विशेष निगरानी इकाई यानि SVU के ADG पंकज दराद ने FIR दर्ज होने की पुष्टि की है. SUV ने ये कार्रवाई मनी लॉड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से की जा रही जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर की है. रिशु श्री के साथ साथ निलंबित आईएएस अधिकारी संजीव हंस को भी इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है. ईडी की जांच में ये सामने आया है कि रिशु श्री के एक दर्जन बड़े अधिकारियों से करीबी संबंध हैं, जिनमें से अधिकतर काफी अहम पदों पर तैनात हैं.

ईडी ने की थी एफआइआर की सिफारिश

मामला बड़े पैमाने पर घूसखोरी का है. काफी पहले ही ED ने बिहार सरकार के गृह विभाग को पत्र लिखकर इस मामले में FIR दर्ज करने की सिफारिश की थी. इस पत्र में रिशु श्री की भूमिका और सरकारी अधिकारियों से उसके संबंधों की विस्तार से जानकारी दी गयी थी. ED की जांच में खुलासा हुआ था कि रिशु रंजन सिन्हा उर्फ रिशु श्री बड़े पैमाने पर सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच लेन-देन में बिचौलिया की भूमिका निभाता था. वह संजीव हंस के लिए विभिन्न कंपनियों से होने वाले वित्तीय लेन-देन में भी बिचौलिया के रूप में काम किया करता था. प्रवर्तन निदेशालय ने रिशु श्री के खिलाफ सबूतों का पुलिंदा काफी पहले ही बिहार सरकार को सौंप दिया था, लेकिन सरकार औपचारिकताएं निभाने में लगी थी.

औपचारिकताएं निभाने में लगा वक्त

रिशु श्री के कारनामों की पूरी जानकारी मिलने के बाद भी बिहार सरकार औपचारिकताएं निभाने में लगी रही. बिहार के गृह विभाग ने इस मामले को लेकर महाधिवक्ता कार्यालय से राय मांगा था. महाधिवक्ता ने एफआईआर दर्ज करने के लिए पर्याप्त आधार होने की सलाह दी, इसके बाद SVU ने संजीव हंस और रिशु रंजन सिन्हा के खिलाफ मामला दर्ज किया है. करीब एक महीने पहले ईडी ने बिहार के भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता तारणी दास समेत कई अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. सिर्फ तारणी दास के घर से 8 करोड़ रूपये नगद मिले थे. वहीं, कुल मिलाकर साढ़े 11 करोड़ रूपये से ज्यादा की बरामदगी हुई थी. ईडी ने ये सारी कार्रवाई रिशु श्री से मिली जानकारी के आधार पर की थी.