15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सावधान! बैंकों के कस्टमर केयर के नाम पर लोगों को लगाया जा रहा चूना, EOU ने बताया कैसे हो रही ठगी

साइबर अपराधी बैंकों के कस्टमर केयर नंबर से मिलते-जुलते नंबरों का इस्तेमाल कर लोगों को चुना लगा रहे थे. लगातार शिकायत मिलने के बाद मामले में कार्रवाई करते हुए EOU ने गिरोह का खुलासा किया है.

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने गूगल सर्च इंजन पर नामी कंपनियों के कस्टमर केयर से मिलते-जुलते नंबर डाल कर देश भर में साइबर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. EOU ने गिरोह से जुड़े दो सदस्यों विकास रंजन और सूरज कुमार को टावर लोकेशन के आधार पर पटना से पकड़ा है. विकास पटना के पश्चिमी लोहानीपुर जबकि सूरज कुमार बिहारशरीफ के लहेरी का रहने वाला है. गिरफ्तार दोनों युवकों के पास से 17 मोबाइल फोन, 15 डेबिट कार्ड, 15 आधार कार्ड, लैपटॉप के साथ दस से ज्यादा बैंकों के पासबुक और एक स्विफ्ट डिजायर कार भी बरामद की गयी है.

कस्टमर केयर के मिलते जुलते नंबरों का इस्तेमाल कर हो रही थी ठगी

EOU के अनुसार, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल 1930 पर ऑनलाइन ठगी की लगातार शिकायत मिल रही थी. सत्यापन के बाद जांच की गयी तो पता चला कि एक संगठित गिरोह के द्वारा कैपिटल फर्स्ट, उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक, बंधन बैंक, आइडीएफसी बैंक और फ्लिपकार्ट आदि के कस्टमर केयर से मिलते-जुलते नंबरों का इस्तेमाल कर साइबर ठगी की जा रही है. पूरे देश से साइबर पोर्टल पर ऐसी करीब 190 शिकायतें अब तक दर्ज हो चुकी है. इससे जुड़ा एक कांड पहले से पटना के साइबर थाने में भी दर्ज है.

अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए EOU कर रही छापेमारी

EOU अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार विकास और सूरज की निशानदेही पर अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. अपराधियों के पास से मिले मोबाइल और बैंक खातों की जांच भी हो रही है. बैंक खातों को जब्त कर जमा राशि का पता लगाया जा रहा है.

मनी लांड्रिंग कानून के तहत भी मामले की जांच करेगी EOU

अपराधियों की अर्जित संपत्ति की मनी लांड्रिंग कानून के तहत भी जांच की जायेगी. इसके लिए प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई होगी.

कैसे करते थे ठगी

इओयू के अनुसार, संगठित गिरोह के अपराधी उक्त कंपनियों और बैंकों के कस्टमर केयर नंबर से मिलते-जुलते नंबरों का सिम सक्रिय करा लेते थे. इसके बाद इन नंबरों को गूगल सर्च इंजन में डाल दिया जाता था जिसे आमलोग असली कस्टमर केयर नंबर समझ लेते थे. संबंधित बैंक या कंपनी से जुड़ी किसी तरह की परेशानी पर ग्राहक जब गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर ढूंढते तो ठगों के नंबर दिखते. आमजन साइबर ठगों से असली कस्टमर केयर नंबर समझकर काल कर सहयोग मांगते और फिर ठगी के शिकार हो जाते.

Also Read: बिहार में साइबर अपराध के प्रति जागरूक नहीं हो रहे लोग, शातिरों ने पांच लोगों से फिर तीन लाख रुपये ठगे

Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel