बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ली राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ

नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बिहार से राज्यसभा सदस्य (Rajya Sabha Member) के रूप में शनिवार को सदन में शपथ ली. राज्यसभा के स्पीकर ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवाई. मोदी इस महीने बिहार की ओर से राज्यसभा के सदस्य चुने गये हैं. इससे पहले वे पिछले नीतीश सरकार में राज्य के उपमुख्यमंत्री थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2020 6:01 PM

नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बिहार से राज्यसभा सदस्य (Rajya Sabha Member) के रूप में शनिवार को सदन में शपथ ली. राज्यसभा के स्पीकर ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवाई. मोदी इस महीने बिहार की ओर से राज्यसभा के सदस्य चुने गये हैं. इससे पहले वे पिछले नीतीश सरकार में राज्य के उपमुख्यमंत्री थे.

सुशील कुमार मोदी राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गये हैं. इसके साथ ही उनके नाम एक खास रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया है. सुशील कुमार मोदी विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य बनने वाले ऐसे तीसरे नेता बन गये हैं जो चारों सदनों के सदस्य रहे हैं. बिहार के इतिहास में सुशील कुमार मोदी ऐसे तीसरे नेता हैं तो चारों सदनों के सदस्य बने हैं.

इससे पहले बिहार के ही दो बड़े नेताओं के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज है. राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि भी ऐसे नेता हैं जो चारों सदनों के सदस्य रह चुके हैं. मोदी के राज्यसभा सदस्य बनने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बधाई दी थी. लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद बिहार की राज्यसभा सीट खाली हुई थी.

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बिहार की राजनीति से अलग होने के बाद सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि पार्टी के फैसले को मानूंगा. कुछ भी होता तब भी मैं भारतीय जनता पार्टी का प्राथमिक सदस्य तो रहूंगा ही. गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बैठक में सुशील कुमार मोदी को राज्यसभा सदस्य के लिए उम्मीदवार बनाने पर मुहर लगायी थी. उसके बाद वे निर्विरोध चुने गये थे.

इस सीट पर 14 दिसंबर को चुनाव होने थे. एनडीए प्रत्याशी सुशील कुमार मोदी के विरोध में महागठबंधन ने कोई भी उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा था. एक निर्दलीय प्रत्याशी श्याम नंदन प्रसाद ने परचा भरा था. बाद में स्क्रूटनी में प्रसाद का नामांकण पत्र अवैध करार दिया गया था. 7 दिसंबर को दोपहर 3 बजे तक नाम वापसी की अंतिम तिथि निर्धारित थी. मोदी के अलावा कोई और प्रत्याशी नहीं था इसलिए मोदी को विजेता घोषित कर दिया गया.

Posted By: Amlesh Nandan.

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