Bihar Police: अपने ही फरार कर्मियों को तलाश रही बिहार पुलिस, बड़े एक्शन के लिए सूची तैयार कर रहा विभाग

Bihar Police: फरार पुलिस कर्मियों के पास कई महत्वपूर्ण केसों का प्रभार है. उनके फरार रहने के कारण करीब तीन दर्जन से अधिक केसों का जांच प्रभावित हो रहा है. इससे पीड़ितों को न्याय मिलने में विलंब हो रहा है. पीड़ित न्याय के लिए वरीय अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं.

By Ashish Jha | April 25, 2025 10:24 AM

Bihar Police: पटना. बिहार में कई पुलिसकर्मी फरार हैं. विभाग अब ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार कर रही है. पुलिस मुख्यालय के सूत्रों की माने तो काफी दिनों से फरार चल रहे पुलिसकर्मियों को अब पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जाएगा. इस दिशा में कार्रवाई तेज कर दी गयी है. पुलिस मुख्यालय से लेकर रेंज स्तर तक रणनीति तैयार की गई है. बिहार के सभी पुलिस रेंज को ऐसे फरार पुलिसकर्मियों की तलाश करने और उनकी सूची बनाकर मुख्यालय को भेजने को कहा गया है. मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद तिरहुत रेंज समेत पूरे बिहार में फरार पुलिसकर्मियों की तलाश की जा रही है, ताकि सख्ती से कार्रवाई की जा सके.

तिरहुत रेंज में मिले कई मामले

तिरहुत रेंज के चारों जिलों में फरार पुलिसकर्मियों की सूची बनाई जा रही है. इन सभी को पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जाएगा. मुजफ्फरपुर से मिल रही जानकारी के अनुसार सिवाईपट्टी थाने में तैनात एएसआई रामप्रवेश प्रसाद करीब चार माह से फरार है. उसने विभाग को अब तक किसी प्रकार की सूचना नहीं दी है. ऐसी भी सूचना मिली है कि इस तरह से अन्य जिलों में भी कई पुलिसकर्मी है, जो काफी दिनों से फरार है. इस पर विभाग ने संज्ञान लेते हुए कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बताते हुए सख्ती से कार्रवाई करने को कहा है. ऐसे पुलिसकर्मियों पर निलंबन के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

तोड़ा गया ताला, निकाला गया केस फाइल

सिवाईपट्टी थाने का एएसआई करीब चार महीने से थाने से फरार है. मामले में एसएसपी के द्वारा निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है. उस पर विभागीय कार्यवाही भी की जा रही है. फिर भी एएसआई पुलिस लाइन में उपस्थित नहीं हो रहे हैं. सिवाईपट्टी थाने के उक्त एएसआई के उपस्थित नहीं होने के कारण अब मजिस्ट्रेट की तैनाती कराकर उनके फ्लैट का ताला तोड़वा जाएगा. थाने स्तर से इसकी कवायद शुरू कर दी गई है. इसके बाद केसों का फाइल निकाला जाएगा. इस पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. फिर दूसरे पदाधिकारी को उन सभी केसों का प्रभार दिया जाएगा, ताकि समय से जांच पूरी कर पीड़ित को न्याय दिलाई जा सके.

Also Read: Road in Bihar: बिहार को मिला एक और एक्सप्रेसवे, 4000 करोड़ की लागत से बनेगा नारायणी-गंगा कॉरिडोर