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patna : आयुष्मान में अब स्टेंट और इंप्लांट लगाना होगा आसान

आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत अब क्लेम की 75 प्रतिशत राशि से जरूरी दवाओं की खरीद और 25 प्रतिशत राशि चिकित्सा कर्मियों को प्रोत्साहन के रूप में दी जायेगी.

संवाददाता, पटना : सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और अन्य चिकित्सा संस्थानों में अब स्टेंट और इंप्लांट जैसी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी. अब इनकी कमी का संकट मेडिकल कॉलेजों में नहीं रहेगा. वहीं जरूरी दवाओं की उपलब्धता भी बढ़ जायेगी. इन जरूरतों की कमी संस्थान आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत मरीजों के लिए इलाज से मिलने वाली क्लेम की राशि से पूरी कर सकेंगे. क्लेम से मिलने वाली 75 प्रतिशत राशि के लिए जरूरी दवाओं की खरीद और 25 प्रतिशत चिकित्सा कर्मियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जायेगी. वहीं जानकारों की मानें, तो राशि में भी वृद्धि कर दी गयी है, 65 की जगह 75 प्रतिशत राशि इंप्लांट व स्टेंट लगाने पर अस्पताल खर्च कर सकते हैं. इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर शासानादेश भी जारी कर दिया गया है.

स्टेंट व इंप्लांट की कमी से होती थी परेशानी

जानकारों के अनुसार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी परिवार को हर साल पांच लाख रुपये तक नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है. मेडिकल कॉलेजों में स्टेंट डलवाने, इंप्लांट कराने सहित अन्य सेवाओं में दिक्कत आ रही थी. कई चीजों की उपलब्धता का संकट हो रहा था. इसकी शिकायत शासन को भी मिल रही थीं. इस समस्या के समाधान के लिए अब नयी व्यवस्था की जा रही है. क्लेम की राशि के खर्च का निर्धारण बढ़ाने के साथ इसके लिए हर चिकित्सा संस्थान के प्रिंसिपल, अधीक्षक व निदेशक आदि जिम्मेदार अधिकारियों की चार सदस्यीय समिति बनेगी, जो डॉक्टरों की सहभागिता के हिसाब से उन्हें दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि तय करेगी.

खर्च होगी 75 प्रतिशत राशि

लाभार्थियों के इलाज से मेडिकल कॉलेज, चिकित्सा विश्वविद्यालयों या अन्य संस्थानों को प्राप्त होने वाली क्लेम की राशि के खर्च को लेकर नया शासनादेश जारी किया गया है. अब क्लेम से पूरे महीने में मिलने वाली राशि जरूरी चीजों की खरीद, प्रशासनिक व्यय और योजना के प्रचार-प्रसार पर ही खर्च की जायेगी. इसमें जरूरी दवाओं, इंप्लांट, कन्जयूमेबल, पैथोलॉजी व रेडियोलाजी जांच, रोगी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सामग्री की खरीद शामिल हैं. जबकि शेष 25 प्रतिशत धनराशि इलाज से संबंधित डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा किये गये इलाज के लिए दी जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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