महिलाओं के प्रति अपराध पर चिंता : नीतीश ने पोर्न साइट्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए पीएम को लिखा पत्र

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोर्न साइट्स समेत इंटरनेट पर मौजूद ऐसी अन्य आपत्तिजनक सामग्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए पत्र लिखा है. सीएम ने सोमवार को लिखे इस पत्र में कहा है कि पिछले कुछ समय से विभिन्न राज्यों में महिलाओं के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 17, 2019 6:33 AM
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोर्न साइट्स समेत इंटरनेट पर मौजूद ऐसी अन्य आपत्तिजनक सामग्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए पत्र लिखा है. सीएम ने सोमवार को लिखे इस पत्र में कहा है कि पिछले कुछ समय से विभिन्न राज्यों में महिलाओं के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और इसके बाद जघन्य तरीके से हत्या करने की घटनाओं ने पूरे देश को उद्वेलित किया है. इस तरह की घटनाएं अक्सर सभी राज्यों में घटती रहती हैं, जो बेहद दुख और चिंता का विषय हैं.
सीएम ने पत्र में कहा है कि इंटरनेट पर लोग की असीमित पहुंच के कारण बड़ी संख्या में बच्चे और युवा अश्लील, हिंसक और अनुचित सामग्री देख रहे हैं, जो अवांछनीय है. इसके दुष्प्रभाव की वजह से कुछ मामलों में ऐसी घटनाएं घटती रहती हैं. कई मामलों में दुष्कर्म की घटनाओं के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया मसलन व्हाट्स एप, फेसबुक समेत अन्य पर प्रसारित कर दिया जा रहा है.
विशेष रूप से बच्चों और कुछ युवाओं के मन को इस तरह की सामग्री गंभीर रूप से प्रभावित करती है. कई मामलों में इस तरह की सामग्री का उपयोग कर इस तरह के अपराध किये जाते हैं. जांच के दौरान इस तथ्य का खुलासा भी हुआ है. इसके अलावा ऐसी सामग्री के लंबे समय तक उपयोग के कारण कुछ लोगों की मानसिकता नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही हैं.
इस वजह से अनेक सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं और महिलाओं के प्रति अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सीएम ने पत्र के अंत में अनुरोध करते हुए लिखा है कि इस गंभीर समस्या पर तत्काल विचार करते हुए पोर्न साइट्स और इंटरनेट पर मौजूद अन्य अनुचित सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए जल्द समुचित कार्रवाई करने की कृपा की जाये.
इन उपायों को करने की जरूरत
इस मामले में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को भी कड़े निर्देश देने की जरूरत है. साथ ही अभिभावकों, शैक्षणिक संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है.
आइटी एक्ट के प्रावधान नहीं साबित हो रहे प्रभावी
मुख्यमंत्री ने इस पत्र में यह भी लिखा है कि इस मसले पर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आइटी) एक्ट, 2000 (यथा संशोधित 2008) में कई कारगर प्रावधान किये गये हैं. लेकिन वे प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं. हाइकोर्ट के स्तर से भी इस संबंध में सरकार को कई दिशा-निर्देश दिये गये हैं.
सीएम के अनुसार, अभिव्यक्ति एवं विचारों की स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह की अनुचित सामग्री की असीमित उपलब्धता उचित नहीं है. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई किया जाना बेहद आवश्यक है.

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