जिला शिक्षा पदाधिकारी से एनओसी मिलने के बाद ही स्कूलों को सीबीएसइ देगा मान्यता
सीबीएसइ से मान्यता लेने वाले स्कूलों को पहले संबंधित जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) से एनओसी लेना होगा.
संवाददाता, पटना
सीबीएसइ से मान्यता लेने वाले स्कूलों को पहले संबंधित जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) से एनओसी लेना होगा. एनओसी मिलने के बाद ही सीबीएसइ मान्यता देगा. क्षेत्रीय निदेशक ने बैठक में प्राचार्यों के सवाल पर कहा है कि वर्ष 2024 में पटना के चार स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गयी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि इन स्कूलों ने जमीन, भवन और फायर से बचाव की व्यवस्था की सही-सही जानकारी नहीं दी थी. 2025 में एनओसी मिलने के बाद मान्यता बहाल की गयी.स्थानीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
पाटलिपुत्र सहोदय स्कूल कॉम्प्लेक्स द्वारा 10 दिसंबर को आयोजित प्राचार्यों की बैठक में स्कूल प्रबंधकों ने राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठाये. इस पर क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि यू-डायस नंबर लेना शिक्षा मंत्रालय का आदेश है. आरटीइ के तहत नामांकन भी अनिवार्य है. स्कूलों को इस इन नियमों को पालन करना चाहिए. हम राज्य सरकार के आदेश को नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं. सभी स्कूलों को स्थानीय स्तर पर पंजीयन कराना अनिवार्य है.सेंटर बनाना जिलाधिकारी का अधिकार
प्राचार्यों ने सवाल उठाया कि बिहार बोर्ड का परीक्षा केंद्र निजी स्कूलों में बनाया जाता है. जबकि उनके पास परीक्षा केंद्र बनाने के लिए स्कूल व कॉलेज हैं. इससे निजी स्कूलों में पढ़ाई बाधित होती है. प्राचार्यों ने कहा कि जब हम सीबीएसइ से संबद्ध हैं, तो यहां परीक्षा केंद्र क्यों बनाया जाता है. इस पर सीबीएसइ क्षेत्रीय निदेशक गोपाल लाल यादव ने कहा कि परीक्षा केंद्र का निर्धारण जिलों के जिला पदाधिकारी करते हैं, यह उनका विशेषाधिकार है. जिला पदाधिकारी के आदेश को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. प्राचार्य के कहने पर क्षेत्रीय निदेशक ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में जिला पदाधिकारी और शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी से बात करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
