63 हजार स्मार्टफोन से आंगनबाड़ी सेविकाएं दे रही बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सेवा : सुशील मोदी

पटना : विश्व बैंक की ओर से नयी दिल्ली के ताज होटल में आयोजित ‘भारत में सामाजिक सुरक्षा प्रणाली : अन्य देशों का अनुभव’ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में 63 हजार आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध कराया गया है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 2, 2019 6:02 PM

पटना : विश्व बैंक की ओर से नयी दिल्ली के ताज होटल में आयोजित ‘भारत में सामाजिक सुरक्षा प्रणाली : अन्य देशों का अनुभव’ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में 63 हजार आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध कराया गया है. इसके माध्यम से वे 70 लाख परिवारों की 3 करोड़, 86 लाख आबादी के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषाहार और स्वास्थ्य की देखभाल की सेवा उपलब्ध करा रही हैं.

इसी प्रकार विश्व बैंक के सहयोग से 87 अनुमंडलों में स्थापित दो मंजिला ‘बुनियाद केंद्रों’ और मोबाइल वैन के जरिये गांवों में जाकर अभी तक 1.60 लाख वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों को शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण, कृत्रिम अंग, आंख-कान की जांच, फिजियोथेरेपी आदि के साथ ही 39,229 दिव्यांगों को प्रमाणपत्र देने आदि की सेवा उपलब्ध करायी गयी है.

मोदी ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं/सहायिकाओं को पहले 11 तरह के कार्यों के लिए करीब 8.5 किलो ग्राम वजन के रजिस्टर का इस्तेमाल करना पड़ता था, लेकिन, अब वे स्मार्टफोन के जरिये बच्चों के पूरक पोषाहार की अवस्था, गर्भवती महिलाओं की स्थिति आदि की तालिका संकलित कर और समय पूर्व अलर्ट प्राप्त कर जरूरतमंदों को अपनी सेवा दे रही हैं.

बिहार के इस प्रयोग के बाद देश के 27 राज्यों के 5 करोड़ परिवारों और 42 करोड़ आबादी को स्मार्टफोन के जरिये यह सेवा दी जा रही है.मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत अभी तक 5.98 लाख बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है. इस योजना के तहत भ्रूण हत्या रोकने, लड़की के जन्म को प्रोत्साहित करने, जन्म निबंधन, संपूर्ण टीकाकरण, बाल विवाह निषेध और प्रजनन दर कम करने के उद्देश्य से जन्म से लेकर स्नातक उत्तीण करनेवाली लड़कियों के खाते में करीब 56 हजार रुपये सरकार की ओर से जमा कराये जाते हैं.

Next Article

Exit mobile version