पटना : विधान परिषद की दो सीटों पर हो रहे अलग-अलग उपचुनाव में राजद अपनी सीट वापस नहीं पा सकेगा. चुनाव आयोग ने दोनों सीटों के लिए अलग-अलग अधिसूचना जारी की है. इस कारण सबसे अधिक वोट पाने वाले उम्मीदवार दोनोंं ही सीटों पर जीत दर्ज कर सकेंगे.माना जा रहा है कि जदयू-भाजपा के बीच एक-एक सीट का बंटवारा होगा और दोनों ही सीटें एनडीए की झोली में जायेंगी. राजद के सैयद खुर्शीद मोहसिन और भाजपा के विधान पार्षद सूरजनंदन कुशवाहा के निधन से विधान परिषद की दो सीटें खाली हुई हैं.
विधानसभा में राजद अब भी सबसे बड़ा दल है और उसके 79 विधायक हैं. लेकिन, जदयू के 70 और भाजपा के 53 विधायकों का ग्रुप सदन में एनडीए को बड़ी ताकत दिला रहा है. ऐसे में चुनाव की स्थिति में दोनों ही सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार की ही जीत होगी. भाजपा के भीतर सूरजनंदन कुशवाहा की विधवा को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है.
जबकि, एक खेमा नये उम्मीदवार खासकर किसी कार्यकर्ता को मौका दिये जाने की वकालत कर रहा है. इधर, जदयू में संयोग से आने वाले इस एक सीट को लेकर दर्जन भर उम्मीदवार रेस में हैं. 28 मई को नामांकन की अंतिम तिथि है. जदयू उम्मीदवार के नाम का फैसला पार्टी की कोर टीम से सलाह के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार करेंगे.
डाॅ मनमोहन सिंह की सीट हो रही है खाली
लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान को असम से पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ मनमोहन सिंह की खाली हो रही राज्यसभा की सीट पर उम्मीदवार बनने के लिए एनडीए के न्योते का इंतजार है. सीटों के बंटवारे के दौरान भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने सार्वजनिक ताैर पर इस बात का एलान किया था कि एनडीए की ओर से पासवान को सबसे पहली भरी जाने वाली राज्यसभा की सीट से उम्मीदवार बनाया जायेगा.
इसके बदले में बिहार की चालीस सीटों मेे लोजपा को छह सीटें दी जायेंगी. 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए में लोजपा को सात सीटें मिली थीं.
इस बार एक सीट कम कर दी गयी और सातवें सीट के लिए राज्यसभा में पासवान को भेजे जाने का सुझाव दिया गया. अब असम में राज्यसभा की दो सीटें खाली हुई हैं. 28 मई तक नामांकन का पर्चा दाखिल होना है. माना जा रहा है कि 23 मई को लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद किसी भी दिन पासवान का नामांकन कराया जा सकता है.