दरिंदों का शिकार हो रहीं खुले में शौच जानेवाली 10 प्रतिशत महिलाएं

पुलिस विभाग के अांकड़े कर रहे तसदीक पटना : लखीसराय में युवती के साथ खुले में शौच के दौरान हुई रेप की घटना ने महिलाओं की सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है. एनएसएसओ के आंकड़े बताते हैं कि सूबे की 69.9 प्रतिशत ग्रामीण आबादी खुले मेें शौच जाती है. दूसरा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 21, 2017 6:34 AM
पुलिस विभाग के अांकड़े कर रहे तसदीक
पटना : लखीसराय में युवती के साथ खुले में शौच के दौरान हुई रेप की घटना ने महिलाओं की सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है. एनएसएसओ के आंकड़े बताते हैं कि सूबे की 69.9 प्रतिशत ग्रामीण आबादी खुले मेें शौच जाती है.
दूसरा चौंकाने वाला आंकड़ा यह है कि सूबे में 15 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक की 67.7 फीसदी ग्रामीण इलाके की महिलाएं खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. इसी मजबूरी का फायदा उठा कर गंदी नीयत वाले लोग नाबालिग बच्चियों, गरीब महिलाओं को दबोच लेते हैं और इन्हें अपने हवस का शिकार बनाते हैं. सामाजिक अध्ययनों की रिपोर्ट की मानें तो पूरे साल में करीब 10 प्रतिशत बच्चियां व महिलाएं शौच के लिए जाते वक्त रेप का शिकार होती हैैं. हाल के दिनों में लखीसराय की घटना महज बानगी है. ऐसी तमाम घटनाएं हैं, जो थाना और अदालत में पहुंचने से पहले ही पंचायतों की जरिये दफन कर दी जाती हैं.
घरों में बने शौचालय तो कम हो जायेंगी रेप की घटनाएं : राज्य में दुष्कर्म की जितनी भी घटनाएं सामने आ रही हैं, उनमें से अधिकतर मामले खुले में शौच जाने के दौरान घटित हुई हैं. वैसे तो इस जघन्य अपराध के लिए केवल खुले में शौच जाने की बात कह कर जिम्मेवार अपराधियों को क्लीन चिट नहीं दी जा सकती है. लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि यदि महिलाओं आैर बच्चियों को खुले में शौच से आजादी दिला दी जाये तो दुष्कर्म की घटनाओं में कमी अा सकती है. भारत सरकार के सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के स्वच्छता रिपोर्ट 2016 के आंकड़े बताते हैं कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में 15 से 60 वर्ष तक की 67.7 फीसदी महिलाएं घरों में शौचालय नहीं होने की वजह से खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.
तीन साल में 3,153 महिलाएं रेप की शिकार : बिहार पुलिस के आंकड़ों के अनुसार बीते तीन वर्ष में 3 हजार 153 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हो चुकी हैं. 2014 में 1120 महिलाआें के साथ दुष्कर्म हुआ. वहीं, 2015 में 1032 महिलाएं और 2016 में 1001 महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ. यह तो महज दर्ज आंकड़े हैं. ऐसी कई अनगिनत मामले होंगे, जिनमें प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की जाती है. खुले में शौच न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि कई आपराधिक घटनाओं को भी बढ़ावा दे रही है. सबसे अधिक लड़कियाें के साथ छेड़छाड़, दुष्कर्म व अपहरण जैसी घटनाएं भी शौच जाने के क्रम में हो रही है.
ये महिलाएं साॅफ्ट टारगेट : खुले में शौच जाने के क्रम में महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं. खासकर उन इलाकों में जहां, महिलाओं और बच्चियों का कमजोर तपका निवास करता है. ग्रामीण इलाकों में कमजोर तबके की महिलाआें के साथ दुष्कर्म की घटना लगातार हो रही हैं. वहीं शहरी क्षेत्र में स्लम एरिया में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. क्योकि उन इलाकों में शौचालय की सुविधा नहीं होती है. शौच के लिए महिलाएं अंधेरे का इंतजार करती हैं. शाम में छह से आठ बजे और सुबह में तीन से छह बजे तक महिलाएं जब खुले में शौच के लिए निकलती हैं, तो उन्हें दुष्कर्म और सामुहिक दुष्कर्म तक का शिकार होना पड़ रहा है.
रणधीर कुमार सिंह, समाजशास्त्री, पटना विवि
दुष्कर्म की जितनी भी घटनाएं होती हैं उनमें 10 फीसदी खुले में शौच जाने के कारण होती हैं. कई बार ये घटनाएं छिटपुट तौर पर होती हैं. जिसका कोई रिकॉर्ड तक दर्ज नहीं होता है.
सुमन सिंह, निदेशक सखी
खुले में शौच जाने के क्रम में महिलाएं हर दिन हिंसा की शिकार होती हैं. कुछ मामले उजागर हो जाते हैं, पर अधिकतर मामले दब जाते हैं. खासकर लड़कियों के मामले में लोग बात छुपा लेते हैं.
डॉ रेणु रंजन, समाजशास्त्री
पीएमसीएच : रेप पीड़िता आइसीयू में जांघ पर चढ़ेगा प्लास्टर
पटना. लखीसराय की छात्रा से हुए रेप की सजा उसका पूरा परिवार भुगत रहा है. चंद दिनों पहले तक जिस बेटी की मुस्कुराहट पूरे घर में खुशियां फैला देती थी, अब उसका दर्द, टीस बन कर मां-बाप के चेहरे पर छाया रहता है. अब भी पीएमसीएच के आइसीयू में भरती छात्रा का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि घटना के बाद ब्लड की कमी हो गयी थी, जिसे ब्लड चढ़ा कर पूरा कर लिया गया है.
शरीर के कई जगह की हड्डियां टूट गयी हैं. पीड़िता के होश में आने के बाद प्लास्टर किया जायेगा. सबसे पहले जांघ की हड्डी जोड़ने के लिए प्लास्टर चढ़ाया जायेगा. पीएमसीएच में भरती दुष्कर्म पीड़ित छात्रा से मंगलवार को कई सामाजिक संस्था के सदस्य मुलाकात करने पहुंचे. बेहतर इलाज व जिम्मेवार पर कार्रवाई की मांग की गयी. ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष सरोज चौबे, अनुराधा देवी, मंजू देवी, रेखा देवी ने पीड़िता व परिजनों से मुलाकात की.

Next Article

Exit mobile version