बलराम बाबा पंचतत्व में विलीन

पटना: आध्यात्मिक गुरु बलराम शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गये. शनिवार की दोपहर लगभग 12 बजे के आसपास यारपुर स्थित मातृ उद्बोधन आश्रम से संस्थापक व संरक्षक श्री श्री 1008 गुरुदेव बलराम जी महाराज की शव यात्रा निकली. मातृ उद्बोधन आश्रम के अनुसार पहले देर रात गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार तय किया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2017 7:46 AM
पटना: आध्यात्मिक गुरु बलराम शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गये. शनिवार की दोपहर लगभग 12 बजे के आसपास यारपुर स्थित मातृ उद्बोधन आश्रम से संस्थापक व संरक्षक श्री श्री 1008 गुरुदेव बलराम जी महाराज की शव यात्रा निकली. मातृ उद्बोधन आश्रम के अनुसार पहले देर रात गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार तय किया गया था लेकिन बाद में उसे अगली सुबह बांसघाट तय किया गया. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार की देर रात होनी थी, जो कुछ कारणों से टल गया था.

बाबा की शव यात्रा पटना के यारपुर स्थित आश्रम से निकलकर बांस घाट पर पहुंची, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. बाबा बलराम जी के कुल पांच बेटे हैं, उनके मंझले बेटे अशोक सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी. पुरोहित धीरेंद्र पांडे ने हिंदू रीति रिवाज से उनका अग्नि संस्कार संपन्न कराया. शव यात्रा में कड़ी धूप के बाद भी हजारों अनुयायी शामिल हुए हैं. बाबा के जयकारे से यारपुर से बांसघाट तक का इलाका गूंजता रहा.
रथ पर रखा गया था पार्थिव शरीर, लग रहे थे जयकारे
उनके पार्थिव शरीर को फूल-माला से लदे रथ पर रखा गया है. हजारों अनुयायी शनिवार को निकाले गये यात्रा में बलराम बाबा के जयकारे लगा रहे थे. बलराम बाबा की शव यात्रा यारपुर, मीठापुर, बुद्ध मार्ग, इनकम टैक्स होते हुए बांस घाट पहुंची. मालूम हो कि पटना के यारपुर स्थित मातृ उद्बोधन आश्रम के संस्थापक व संरक्षक श्री श्री 1008 बलराम बाबा का शुक्रवार को दिल्ली में देहांत हो गया था. 85 वर्षीय बलराम बाबा का पार्थिव शरीर विमान से उनके पटना स्थित आश्रम पर लाया गया था. वहां अंतिम दर्शन के लिए अनुयायियों की भीड़ रात भर जुटी रही. बाबा को बचपन से ही अध्यात्म के प्रति काफी रूझान था. हर गुरु पूर्णिमा पर उनके दर्शन को भक्तों की भारी भीड़ जुटती थी.