Patna Metro: बेली रोड के नीचे सुरंगों का जाल, एक ट्रैक पर दौड़ेगी मेट्रो तो दूसरी टनल जोड़ेगी दो बड़े म्यूजियम

Patna Metro : पटना की सबसे व्यस्त सड़कों में शामिल बेली रोड के नीचे अब इतिहास, संस्कृति और आधुनिक परिवहन एक साथ गुजरेंगे. वह भी अलग-अलग सुरंगों में.

By Pratyush Prashant | December 28, 2025 11:28 AM

Patna Metro : पटना मेट्रो परियोजना के साथ शहर का अंडरग्राउंड नक्शा तेजी से बदल रहा है. बेली रोड के नीचे दो अलग-अलग सुरंगें बनाई जा रही हैं.

एक सुरंग पटना मेट्रो के लिए होगी, जबकि दूसरी सुरंग बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को आपस में जोड़ेगी. यह न सिर्फ तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण परियोजना है, बल्कि राजधानी के शहरी विकास में एक बड़ा मील का पत्थर भी मानी जा रही है.

एक सड़क, दो सुरंगें और अलग-अलग गहराई

बेली रोड पर बिहार म्यूजियम के पास बनने वाली यह संरचना इंजीनियरिंग का अनोखा उदाहरण होगी. पटना म्यूजियम और बिहार म्यूजियम को जोड़ने वाली अंडरग्राउंड सुरंग जमीन से करीब 16.5 मीटर नीचे बनाई जा रही है, जिसका व्यास लगभग 8 मीटर है. इसके ठीक नीचे पटना मेट्रो की सुरंग होगी, जो 29 मीटर की गहराई से गुजरेगी. दोनों सुरंगों के बीच लगभग 6.5 मीटर का सुरक्षित गैप रखा गया है. जहां दोनों सुरंगें एक-दूसरे को क्रॉस करेंगी, वहां मेट्रो सुरंग की गहराई और अधिक होगी.

सचिवालय के पास बनेगा अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन

पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अनुसार, सचिवालय के समीप एक बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन बनाया जाएगा. यह स्टेशन करीब 227 मीटर लंबा होगा और जमीन से 16.50 मीटर नीचे स्थित रहेगा. स्टेशन को दो मंजिलों में विकसित किया जाएगा. ऊपरी तल पर टिकट काउंटर, सुरक्षा जांच, शौचालय और अन्य यात्री सुविधाएं होंगी, जबकि निचले तल पर मेट्रो प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे. दोनों तल एक-दूसरे से सीढ़ियों और एस्केलेटर के माध्यम से जुड़े होंगे.

इस अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए दो प्रवेश और निकास द्वार बनाए जाएंगे. पहला द्वार सचिवालय परिसर स्थित सूचना भवन के सामने होगा, जहां सीढ़ियों के साथ एस्केलेटर और लिफ्ट की सुविधा मिलेगी.

दूसरा द्वार बेली रोड पर उत्तर नेहरू पार्क के पश्चिमी हिस्से में बनेगा, जहां सीढ़ी और लिफ्ट की व्यवस्था होगी. इससे सचिवालय, म्यूजियम और आसपास के इलाकों तक पहुंच आसान हो जाएगी.

मानवाधिकार आयोग का भवन तोड़ा जाएगा

मेट्रो के एलाइनमेंट में सूचना भवन परिसर स्थित मानवाधिकार आयोग का मौजूदा भवन आ रहा है. इसे अगले महीने खाली कर तोड़ा जाएगा, ताकि सचिवालय मेट्रो स्टेशन का निर्माण हो सके.

मानवाधिकार आयोग के लिए गर्दनीबाग में वित्त भवन के बगल में नया परिसर तैयार किया जाएगा. करीब 20 कट्ठा जमीन पर बनने वाले इस भवन के निर्माण पर लगभग 21 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एक साल में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इसमें कोर्ट रूम, कॉन्फ्रेंस हॉल और सभी जरूरी सुविधाएं होंगी.

पटना जंक्शन से रूकनपुरा तक 10.54 किमी अंडरग्राउंड सफर

पटना मेट्रो का अंडरग्राउंड सेक्शन पटना जंक्शन से रूकनपुरा तक फैला होगा, जिसकी कुल लंबाई 10.54 किलोमीटर है। इस रूट पर पटना जंक्शन, विद्युत भवन, विकास भवन (सचिवालय), पटना जू-राजाबाजार और रूकनपुरा स्टेशन बनाए जाएंगे. इनमें से अधिकांश स्टेशन सरकारी जमीन पर होंगे, हालांकि राजा बाजार और रूकनपुरा स्टेशन के कुछ हिस्सों के लिए निजी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है.

अगले साल और स्टेशनों से शुरू होगा मेट्रो सफर

पटना मेट्रो के अनुसार, अगले साल खेमनीचक और मलाही पकड़ी स्टेशन से भी मेट्रो सेवा शुरू होगी. इन स्टेशनों को भूतनाथ स्टेशन से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है. मलाही पकड़ी स्टेशन के चालू होने से कंकड़बाग जैसी घनी आबादी वाले इलाके को सीधा लाभ मिलेगा. फिलहाल भूतनाथ से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तक करीब 4.50 किलोमीटर में मेट्रो का परिचालन हो रहा है.

अंडरग्राउंड स्टेशन और नए रूट्स के साथ पटना मेट्रो सिर्फ परिवहन परियोजना नहीं रह गई है. यह राजधानी के शहरी विस्तार, पर्यटन और सांस्कृतिक कनेक्टिविटी को नई दिशा देने वाली योजना बनती जा रही है.

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