कर्मा भाई के प्रति अटूट प्रेम व श्रद्धा का पर्व

त्योहार. आज भाई की कुशलता व लंबी उम्र की कामना को लेकर बहनेंं रखेंगी व्रत

By ANIL KUMAR | September 2, 2025 4:48 PM

त्योहार. आज भाई की कुशलता व लंबी उम्र की कामना को लेकर बहनेंं रखेंगी व्रत

प्रतिनिधि, अकबरपुर. भाइयों की समृद्धि व लंबी उम्र की कामना लिए बहनें बुधवार को कठिन उपवास के साथ कर्मा व्रत रखेंगी. भाई के प्रति बहनों के स्नेह व प्रेम का प्रतीक माने जाने वाला कर्मा व्रत का बिहार में विशेष महत्व माना जाता है. भाद्र मास शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन बहनें दिनभर उपवास कर शाम में झार और कुश जमीन में लगाकर करम गोसाई की पूजा कर भाइयों के लिए कुशल स्वास्थ्य व लंबी उम्र के साथ खुशहाली की कामना करती हैं. इस दौरान पूरी रात जाकर व्रती महिलाएं परंपरागत रूप से झूमर नृत्य भी करती हैं. कर्मा पूजा की समाप्ति के बाद अगले दिन कर्म की डाली को नदी या जलाशय में प्रवाहित करने के बाद गुड़, चना, खीरा व दूसरे फल प्रसाद के रूप में ग्रहण करने के बाद अपना व्रत खोलती हैं. बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी दीर्घायु जीवन और खुशहाली की कामना करती हैं. ऐसी परंपरा रही है कि बहनें पूजा की थाली सजाकर करम देव की पूजा करती हैं. पूजा के समय बहनें अपने भाई की सुख-समृद्धि और उन्नति के लिए प्रार्थना करती हैं. पूजा के बाद करमा और धरमा पौराणिक कथाएं सुनायी जाती हैं, जिसमें अच्छे कर्म करने का महत्व और उसके फल को समझाया जाता है. शादीशुदा महिलाएं इस पर्व को अपने मायके में मनाती हैं, जो इस त्योहार की अनूठी पहचान है. शादीशुदा स्त्रियों के लिए पर्व ससुराल के साथ उसके मायके से गहरा संबंध भी जोड़ता है. स्नेह और प्रकृति का पर्व है. कर्मा पर्व मानव के प्रकृति के साथ जुड़ाव को प्रदर्शित करता है. इस पर्व में भाई-बहन के प्रेम और स्नेह की छाप देखने को मिलती है. विवाहित महिलाएं कर्मा पर्व करने के लिए अपने ससुराल से मायके खास रूप से आती हैं. कर्मा पूजा मानव जीवन का साथ गहरा लगाव और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है.

कर्मा पर्व को लेकर बाजार में दिख रही रौनक

कर्मा पूजा मंगलवार को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो गया. बुधवार को महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर रात में कर्म गोसाई की पूजा कर केवल जल या शर्बत ग्रहण करेंगी. देखा जाये, तो कर्मा को लेकर बाजार में सब्जी, फल आदि की मांग काफी बढ़ गयी है. पूजा में खीरा का सबसे अधिक महत्व माना जाता है. खीरा अभी 100 रुपये किलो तक बाजार में बिक रहा है. इस दौरान विभिन्न सब्जियों के दाम में भी तेजी है.

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