Motihari: छाती पर कलश रख पूजा करती साधिका लालसा देवी
नवरात्रि में नौ दिनों का उत्सव न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि साधकों के लिए साहस, मानसिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर भी है.
Motihari: रक्सौल. नवरात्रि में नौ दिनों का उत्सव न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि साधकों के लिए साहस, मानसिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर भी है. तभी तो, आदापुर प्रखंड के नकरदेई थाना क्षेत्र के कटकेनवा चौक पर स्थित चैनियां माई मंदिर के प्रांगण में एक साधिका लालसा देवी छाती पर कलशों को रख मां भगवती की साधना में लीन हैं. बता दें कि कटकेनवा गांव निवासी लालसा देवी उक्त देवी मंदिर में निज छाती पर कलशों को रख नवरात्रि के प्रथम दिवस से हीं कठोर तपस्या कर रहीं हैं. उनके दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंच रहें हैं. मेला सा मंजर हो गया है. उधर, पंडित मनोरंजन दूबे ने बताया कि भक्ति की नौ विद्याओं में से पांचवीं भक्ति भगवत या भगवती पर दृढ़ विश्वास है. अतएव भगवान पर विश्वास कर कठिनतम काम को भी किया जा सकता है. भगवती पर विश्वास के कारण हीं लालसा देवी कठिनतम साधना कर रहीं हैं. इस साधिका के तप को देखने के लिए दुर-दराज से पहुंच रहे है.
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