जिले में बारिश की बूंद की तरह टपक रही ओस
सीमावर्ती क्षेत्र पूर्वी चम्पारण के तेवर नरम पड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं. लगातार ठंड बढ़ती ही जा रही है.
मोतिहारी.सीमावर्ती क्षेत्र पूर्वी चम्पारण के तेवर नरम पड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं. लगातार ठंड बढ़ती ही जा रही है. पिछले चार दिनों से तापमान के नीचे गिरने का क्रम जारी है. सोमवार को भी इसमें गिरावट दर्ज की गयी. रही सही कसर पछुआ हवा पूरी कर रही है. हालांकि रविवार की तुलना में तापमान में बहुत अधिक कमी तो नहीं आई, मात्र 0.7 डिग्री की गिरावट रिकार्ड दर्ज की गयी. किंतु ठंड में बेतहाशा वृद्धि हो गयी. इसने ठिठुरन में अप्रत्याशित इजाफा हो गया. उल्लेखनीय है कि इस बार शीतलहर लोगों की परीक्षा लेने के मूड में नजर आ रहा है. बीच के एक को अगर छोड़ दिया जाए तो पिछले 10 दिनों से लगातार धूप नहीं निकल रही है. तीन दिनों से तो आसमान में सूर्य देव की हल्की सी धमक भी महसूस नहीं हुई है. रविवार रात से सोमवार सुबह नौ बजे तक तो पूरे दिन बारिश की तरह ओस की बूंदें टपकती रही. आलम रहा कि बारिश के बाद जिस तरह सड़कें भींग जाती हैं, उसी तरह भीगी नजर आई. भरी दोपहरी में भी ओस की बूंदें टपकती रही. इससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त रहा. जरूरी वश हीं लोग घरों से निकले. अलाव के सहारे ठंड से जूझ रहे लोग स्थिति इतनी विकट हो गई है कि अलाव-हीटर से दूर होने की हिम्मत नहीं हो पाती. इसके समीप से हटते ही बदन ठिठुरने लगता है. मजबूरन घर से निकले लोग चौक-चौराहों पर रुक-रुक कर बदन सेंकते नजर आए. बापूधम मोतिहारी,सुगौली,चकिया स्टेशनों पर लोग ट्रेन की प्रतीक्षा में कई घंटो तक सिकुड़े बैठे दिखे. आम लोगों के साथ मवेशियों का भी परेशानी ठंढ का असर आम लोगों के साथ मवेशियों पर भी दिखा .ग्रामीण क्षेत्राें में तो लोग मवेशी के बथान में मवेश्लाियों के पास अलाव जला रहे हैं ताकि ठंढ से बचाया जा सके. पशुपालकों के अनुसार दुधारू पशुओं का दूध भी प्रभावित हो रहा है.अधिकांश दुधारू पशु क्षमता से कम दुध दे रही है. पशु चिकित्सकों के अनुसार इस समय सूखा चारा मवेशी को दें. बैठन के स्थल पर राख का छिड़काव कर पुआल या सूखे घास बिच्छा दें ताकि नीचे बैठन पर पशु को ठंढ न लगे.
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