Motihari : एग्रीकल्चर छात्रों ने फसलों की विविधता व पशुपालन देखा
स्थानीय केविके के तत्वावधान में तिरहुत कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर ढोली के बीएससी. कृषि चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों ने जिले के मणिछापरा गांव में अपना तीसरा गांव सर्वेक्षण किया.
पीपराकोठी . स्थानीय केविके के तत्वावधान में तिरहुत कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर ढोली के बीएससी. कृषि चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों ने जिले के मणिछापरा गांव में अपना तीसरा गांव सर्वेक्षण किया. यह सर्वेक्षण रावे में डॉ. एके सिंह (वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, केविके तथा डॉ. गायत्री कुमारी पाधी, पादप संरक्षण, कीटविज्ञान के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ. इस सर्वेक्षण में छात्र-छात्राएं डॉ. गायत्री कुमारी पाधी के साथ जुड़े रहे. उन्होंने उन्हें ट्रांसेक्ट वॉक, गांव सर्वेक्षण एवं मैपिंग करने का मार्गदर्शन दिया. विद्यार्थियों ने गांव में फसलों की विविधता और पशुपालन को बारीकी से देखा. सर्वेक्षण से पता चला कि गांव में दो स्वास्थ्य केंद्र (एक सरकारी और एक निजी),दो प्राइमरी स्कूल, एक उर्दू स्कूल और एक अपग्रेडेड मिडिल स्कूल मौजूद हैं. एक नया पंचायत भवन भी निर्माणाधीन है. इसके अलावा, गांव की 5 वार्डों में एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र भी कार्यरत है. इस दौरान विद्यार्थियों ने रेनू कृषि किसान सेवा केंद्र को भी देखा. रिसोर्स मैपिंग से गांव में लीची और आम के बागानों की पहचान हुई, जबकि हाइड्रोलॉजिकल मैपिंग से पता चला कि पानी के मुख्य स्रोत हैं. तालाब, नल-जल योजना के तहत पाइपलाइन और सिंचाई के लिए पंपिंग सेट. टाइमलाइन सर्वेक्षण से यह तथ्य सामने आया जिसमें 1940 के दशक में गांव में बिजली आई. 2021 में नल-जल योजना लागू हुई. 2017 में पहली बैंक खुली. 1990-95 के बीच टेलीफोन नेटवर्क आया. 2004 में पहली पक्की सड़क बनी. 1980 के दशक में पहला सरकारी बोरवेल लगा. 2010 में मनरेगा योजना लागू हुई, जिसके तहत 2500 युवाओं को रोजगार मिला. कुल मिलाकर विद्यार्थियों ने इस सर्वेक्षण से *ग्रामीण जीवनशैली, जीविकोपार्जन के साधन, सामाजिक-आर्थिक स्थिति एवं किसानों की समस्याओं को समझते हुए महत्वपूर्ण अनुभव और कौशल अर्जित किया.
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