कजरा का सौर सपना: बिहार को नयी रोशनी देने को है तैयार
कजरा में बन रहा सोलर पावर प्लांट न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है. सोलर पावर का पहले चरण में 185 मेगावाट का काम लगभग पूरे होने के कगार पर है.
प्रथम चरण का कार्य लगभग हो चुका है पूरा
प्रथम चरण में 185 मेगावाट बिजली उत्पादन की होगी क्षमता
फोटो संख्या 18- कजरा स्थित सोलर प्लांट
कजरा. कजरा में बन रहा सोलर पावर प्लांट न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है. सोलर पावर का पहले चरण में 185 मेगावाट का काम लगभग पूरे होने के कगार पर है. कजरा का यह सोलर पावर प्लांट बिहार ही नही बल्कि पूरे भारत का सबसे बड़ा बैट्री स्टोरेज के सौर उर्जा प्रोजेक्ट में गिना जायेगा. पहले चरण में कुल 185 मेगावाट क्षमता का काम एलएंडटी को सौंपा गया था. जिसका 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. वहीं पहले चरण को पूरा होते ही दूसरा चरण का भी कार्य लगातार शुरू कर दिया जायेगा. इसकी भी जिम्मेदारी एलएंडटी को ही सौंपा गया है. दूसरे चरण में कुल 116 मेगावाट क्षमता का कार्य होना है. दोनों चरण पूरे होने के बाद यह प्लांट न केवल लखीसराय और आसपास के जिलों को रौोशन करेगा बल्कि बिहार को उर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा बल देगा.पर्यावरणीय लाभ
कजरा का सोलर पावर प्लांट अत्याधुनिक तकनीक से लैस है. मशीन देश के अलावे विदेश से मंगाया है, यहां तक कि यहां स्टोरेज में यूज होने वाले बैटरी लिथियम बैटरी का इस्तेमाल किया गया है. जिसकी लाइफ ज्यादा है. वहीं दूसरी ओर प्लांट से हर साल लाखों टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी जिस कारण यहां का वातावरण हमेशा स्वच्छ रहेगा. साथ ही जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटेगी और पर्यावरण संरक्षण में बड़ा योगदान मिलेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि कजरा का यह प्रोजेक्ट बिहार को ग्रीन एनर्जी हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.बिहार की उर्जा नीति में नयी रफ्तार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि ‘‘सौर उर्जा बिहार का भविष्य है.’’ कजरा का यह प्रोजेक्ट उस दिशा में सरकार का सबसे बड़ा कदम है. नवीकरणीय उर्जा को बढ़ावा देकर राज्य न केवल बिजली की जरूरतें पूरी करेगा बल्कि प्रदूषण मुक्त विकास का रास्ता भी तय करेगा.पूर्व कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं कजरा पहुंचकर सोलर प्लांट का निरीक्षण करने वाले थे. हालांकि मौसम खराब रहने की वजह से उनका यह कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. हालांकि इसके लिए प्रशासन की ओर से विगत एक सप्ताह से तैयारी की जा रही थी. अधिकारियों के लगातार दौरे की वजह से क्षेत्र में कई अन्य कार्य भी देखने को मिला था.
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