शराब बेचने के आरोप में पकड़े गये युवक की इलाज के दौरान मौत, जेलकर्मियों ने ऐसे बचायी अपनी जान

लखीसराय : बिहार के लखीसराय में शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद एक बंदी की सोमवार की रात सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद मंगलवार को मृतक के परिजनों व ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया. मंगलवार की अहले सुबह से ही मृतक के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2020 7:20 PM

लखीसराय : बिहार के लखीसराय में शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद एक बंदी की सोमवार की रात सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद मंगलवार को मृतक के परिजनों व ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया. मंगलवार की अहले सुबह से ही मृतक के परिजन व ग्रामीण सदर अस्पताल पहुंच हंगामा करने लगे. ग्रामीणों का गुस्सा इस कदर था कि वे लोग सदर अस्पताल में मौजूद जेलकर्मियों पर अपना आक्रोश जताने लगे, जिसके बाद जेल कर्मी अपनी वर्दी तक छोड़ अस्पताल से भागने में ही अपनी भलाई समझी.

हालांकि, इस दौरान जेल के एक कांस्टेबल पर जब लोग टूट पड़े तो उन्हें बचाने में मोबाइल टाइगर के प्रभारी दिलीप शर्मा को भी चोटें आयीं. वहीं, ग्रामीणों के द्वारा हंगामा बरते जाने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार के द्वारा काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी थी. जिससे किसी तरह की अनहोनी की घटना होने से बच गयी.

मिली जानकारी के अनुसार विगत दस जनवरी को टाउन थाना क्षेत्र के झिंझरिया पुल के पास से उत्पाद थाना की पुलिस ने चार युवकों को शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जिसमें से टाउन थाना क्षेत्र के बिलौरी पंचायत के पचौता गांव निवासी कलेश्वर यादव का 22 वर्षीय पुत्र विक्रम कुमार भी था. जिसे 11 जनवरी को उत्पाद पुलिस ने जेल भेज दिया. जेल में 13 जनवरी की सुबह छाती में दर्द होने की शिकायत के बाद सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां देर रात उसकी मौत हो गयी थी.

घटना के बाद परिजनों ने उत्पाद पुलिस पर आरोप लगाते हुए कि गिरफ्तारी के बाद राशि की मांग पुरी नहीं करने पर विक्रम के साथ बेहरमी के साथ मारपीट की गयी जिससे उसे अंदरूनी चोटें आयी थी. जिस वजह से इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. जिसको लेकर मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह सदर अस्पताल पहुंच जमकर बवाल काटा. इस दौरान ग्रामीणों ने जमुई मोड़ पर सड़क जाम किया तथा टायर जलाकर प्रदर्शन किया.

इधर, बवाल के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से एसडीपीओ रंजन कुमार, डीसीएलआर नीरज कुमार, कवैया थानाध्यक्ष राजीव कुमार तथा तेतरहाट थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने लोगों को समझा बूझा कर शांत कराया. वहीं जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में मृतक के परिजन जिलाधिकारी से भी मिले. जिस पर जिलाधिकारी शोभेंद्र कुमार चौधरी ने परिजनों को आश्वस्त किया कि यदि मारपीट की वजह से मौत की बात पोस्टमार्टम में आयेगी तो उन्हें आपदा के तहत चार लाख रुपये की राशि सहायतार्थ मिलेगी तथा दोषियों पर भी सख्त कार्रवाई की जायेगी.

बोले एसपी
पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने बताया कि घटना को लेकर मजिस्ट्रेट की प्रतिनिक्ति कर उनकी निगरानी में पोस्टमार्टम कराने के बाद उसकी रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग को भेज दिये जाने का प्रावधान है. जहां से किसी तरह का आदेश आने के बाद आगे की कार्रवाई किये जाने का प्रावधान है.

Next Article

Exit mobile version