Kaimur News : खुद से गोली मारने वाले पुलिस जवान ने तोड़ा दम
सोमवार की देर शाम भभुआ के पुलिस लाइन में क्विक रिस्पांस टीम के जिस सिपाही ने अपनी ड्यूटी वाले एके-47 से खुद को गोली मारी थी
भभुआ कार्यालय. सोमवार की देर शाम भभुआ के पुलिस लाइन में क्विक रिस्पांस टीम के जिस सिपाही ने अपनी ड्यूटी वाले एके-47 से खुद को गोली मारी थी. उसके द्वारा गंभीर रूप से जख्मी स्थिति में भभुआ सदर अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद बनारस रेफर किया गया, लेकिन बनारस ट्राॅमा सेंटर पहुंचने से पहले रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. मृतक जवान का नाम अमलेश कुमार था. उक्त जवान जमुई जिले के बरहट थाना अंतर्गत भरकहुआ गांव का रहने वाला था. भरकहुआ गांव के ब्रह्मदेव यादव का मंझला पुत्र था. उसका 2022 में सिपाही के पद के लिए चयन हुआ था. इसके बाद उसकी कैमूर जिले में पोस्टिंग हुई थी. एक साल की ट्रेनिंग के बाद जब वह कैमूर पुलिस में 2023 में योगदान दिया, तब उसके बाद उसकी तैनाती क्यूआरटी यानी क्विक रिस्पांस टीम में की गयी थी. अभी नौकरी के ढाई साल ही हुए थे इसी बीच उक्त पुलिस जवान द्वारा भभुआ पुलिस लाइन में स्थित अपने बैरक के कमरे को अंदर से बंद कर ड्यूटी वाले एक-47 से सिर में गोली मार ली गई. इसके कारण वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. गोली मारे जाने के बाद उसे बैरक में रहने वाले अन्य पुलिस जवानों द्वारा उसे गंभीर स्थिति में भभुआ सदर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देख प्राथमिक उपचार के बाद बनारस ट्राॅमा सेंटर रेफर कर दिया. यहां से ले जाने के क्रम में उसकी रास्ते में मौत हो गयी. दरअसल, पुलिस जवान अमलेश कैमूर पुलिस के क्विक रिस्पांस टीम में कार्यरत था. सोमवार को दिन में ड्यूटी कर वापस लौटा था. उसके साथ अन्य जवान भी बैरक में वापस लौटे थे. शाम को लगभग सात बजे वह बैरक के अपने कमरे को अंदर से बंद कर लिया और अपने ड्यूटी वाले एके 47 को सिर में सटाकर गोली मार ली. लेकिन, इसकी आवाज किसी अन्य पुलिस जवान को कमरा बंद होने के कारण या सटाकर मारे जाने के कारण सुनायी नहीं दी, लेकिन इसी बीच उसका एक साथ ही उससे मिलने के लिए कमरे के पास गया, तो अंदर से बंद दिख कर उसके द्वारा दरवाजा नॉक किया जाने लगा. इसके बाद दरवाजा नहीं खुला तो वह कमरे के पीछे से जाकर जब खिड़की से देखा, तो अंदर दिखा कि अमलेश जमीन पर गिरा हुआ है. वह तत्काल अन्य पुलिस जवानों की मदद से दरवाजा को धक्का दे अंदर से बंद कुंडी को तोड़ा तो देखा अमलेश खून से लथपथ जमीन पर गिरा हुआ है और उसका एके-47 हथियार बगल में गिरा हुआ है. तत्काल उसे अन्य पुलिस जवानों की मदद से सदर अस्पताल लाया गया, जहां उसे बेहतर इलाज के लिए बनारस रेफर किया गया. लेकिन, रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. = घटना की सूचना पर पिता, भाई सहित परिजन पहुंचे बनारस अमलेश के खुद को गोली मारे जाने की घटना के बाद पुलिस द्वारा तत्काल इसकी सूचना उसके पिता को जमुई में दी गयी. घटना की सूचना पर पिता ब्रह्मदेव यादव, बड़ा भाई अजय कुमार सहित अन्य परिजन निजी गाड़ी से बनारस पहुंचे. यहां पर अमलेश की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में चीख पुकार मच गयी. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. अमलेश को जख्मी स्थिति में बनारस लेकर गये जवान उनके परिजनों को संभाल रहे थे. लेकिन उनकी स्थिति काफी खराब थी. वह लगातार रोये जा रहे थे. मंगलवार को दिन में लगभग 10 बजे बीएचयू में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को अमलेश का शव सौंप दिया गया. = हथियार व मोबाइल को किया गया जब्त भभुआ पुलिस लाइन के बैरक में स्थित अमलेश के कमरे से घटना के बाद पुलिस द्वारा उसकी ड्यूटे वाले एके-47 हथियार व मोबाइल जब्त किया गया है. एफएसएल की टीम भी घटनास्थल पर पहुंचकर सैंपल एकत्रित किये. एसपी, एसडीपीओ भभुआ थानेदार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी भी घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की गहनता से जांच करते नजर आये. बनारस में पोस्टमार्टम होने के बाद अमलेश के शव को पुलिस लाइन लाया गया, जहां पर उक्त जवान को सलामी दी गयी. सलामी की कार्रवाई पूर्ण होने के बाद एसपी, एसडीपीओ सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी, सिपाही द्वारा उक्त पुलिस जवान को पुष्प व माला चढ़कर श्रद्धांजलि दी गयी. श्रद्धांजलि देने के बाद पुलिस लाइन की गाड़ी से उक्त जवान के शव को अन्य पुलिस वालों के साथ उसके गांव जमुई भेजा गया. श्रद्धांजलि के वक्त पुलिस लाइन के महिला व पुरुष सभी जवानों की आंखें नम हो गयी. कई पुलिसकर्मी इस दृश्य को देखकर रोने लगे. = पिता ने रोते हुए कांपते हाथों से दी श्रद्धांजलि पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि के वक्त शव के साथ परिजन भी पहुंचे. पुलिसकर्मियों के साथ परिजनों को भी श्रद्धांजलि देने के लिए जब हाथ में माल दिया गया, तो पिता ब्रह्मदेव यादव के हाथ कांपने लगे और रोते हुए किसी तरह अपने जवान बेटा के पार्थिव शरीर पर माला डालकर श्रद्धांजलि दी. घटना की सूचना आयी अमलेश की चाची का काफी बुरा हाल था, वह चीख चीख कर रो रही थी और वह माला हाथ में लेकर श्रद्धांजलि भी नहीं दे पा रही थी. उसे अन्य पुलिस जवान द्वारा सहयोग कर किसी तरह अमलेश के पार्थिव शरीर पर माला डालकर श्रद्धांजलि दिलवायी गयी. पुलिस जवान अमलेश का बड़ा भाई अजय यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था. वह बार-बार दौड़कर आता और शव से लिपटकर रोने लगता था. इस दौरान कई बार बेहोश भी हो गया. अमलेश के पिता ब्रह्मदेव यादव ने बताया कि उनके तीन लड़के हैं. बड़ा लड़का अजय दवा की दुकान चलाता है. उससे छोटा मंझला लड़का अमलेश जिसकी मृत्यु हुई है, वह कैमूर पुलिस में जवान था और सबसे छोटा लड़का मिथिलेश पढ़ाई करता है. जब अमलेश का चयन बिहार पुलिस में हुआ था, तब पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गयी थी. उसके कंधे पर परिवार की बड़ी जवाबदेही थी. अमलेश की अभी शादी भी नहीं हुई थी. उसकी शादी के लिए बात चल रही थी. अमलेश काफी सरल व मधुर स्वभाव का लड़का था. उसके पिता को यह भरोसा ही नहीं हो रहा था कि उसका बेटा इतनी जल्दी इस दुनिया से चला गया. उन्होंने कहा उनके बेटे की कैसे मौत हुई, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है यह कैमूर पुलिस के लोग बताएं कि उनके बेटे की मौत आखिर कैसे हुई है. इसकी जांच कर उन्होंने कैमूर पुलिस के पदाधिकारी से आग्रह किया कि इसके कारणों का पता लगाएं. बोले एसपी– एसपी हरिमोहन शुक्ला ने बताया यह कैमूर पुलिस के लिए काफी दुखद घटना है. उक्त पुलिस जवान द्वारा खुद गोली मार कर आत्महत्या की गयी है. उक्त मामले में अप्राकृतिक मृत्यु का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है इनसेट ऐसी कौन से तनाव में था, जो अमलेश को आत्महत्या करने को किया मजबूर ? भभुआ कार्यालय. जिस तरह से कैमूर पुलिस में क्विक रिस्पांस टीम का जवान अमलेश ने महज ढाई साल की नौकरी में ड्यूटी वाले एके-47 से खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली है, वह यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर क्या कारण था या ऐसे कौन से तनाव से अमलेश गुजर रहा था, जिसके कारण उसने इतना बड़ा फैसला आत्महत्या करने का ले लिया. उसके सहयोगी जवान यह बता रहे हैं कि वह ड्यूटी से कुछ देर पहले ही लौटा था. उसके चेहरे पर कोई तनाव नहीं था. फिर कुछ ही घंटे में ऐसा क्या हुआ कि वह अपना कमरा बंद कर अपने ड्यूटी वाले एके-47 से खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली. पुलिस लाइन में खुद को गोली मार कर एक पुलिस जवान द्वारा आत्महत्या करना बड़ी घटना है. इस घटना के कारणों का पता लगाना कैमूर पुलिस के अधिकारियों के लिए अति आवश्यक है, ताकि इस तरह के घटना की पुनरावृति आगे न हो सके. पुलिस लाइन के साथी ही जवान भी ता रहे हैं कि अमलेश काफी सरल व मधुर स्वभाव का लड़का था. उसके व्यवहार के उसके सभी साथी कायल रहते थे. उसके किसी साथी को ऐसी उम्मीद भी नहीं थी कि अमलेश ऐसा भी कर सकता है. अमलेश की मौत के बाद पूरा पुलिस लाइन सदमे में है. घटना के कारण को जानने के लिए सब में जिज्ञासा है. सबके बीच में एक ही चर्चा है कि आखिर ऐसी क्या बात हो गयी कि अमलेश द्वारा इतना बड़ा कदम उठा लिया गया. एसपी हरिमोहन शुक्ला द्वारा बताया गया है कि घटना के कारणों को लेकर हर बिंदु पर गंभीरता से जांच की जा रही है.
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