जमुई में नगर क्षेत्र के लगमा मुहल्ला में बुधवार को सात वर्षीय आर्य कुमार चमकी बुखार से पीड़ित पाया गया. परिजनों ने इलाज के लिए बच्चे को सदर अस्पताल में भर्ती कराया. इस बीमारी का जिला में इस वर्ष पहला केस है.
ऐसे हुई आशंका
जानकारी देते उक्त मुहल्ला निवासी चंदन प्रसाद ने बताया सुबह काफी देर होने के बाद जब मेरा पुत्र नहीं जगा. इस दौरान बार-बार उसे चमकी और सांस लेने में परेशानी हो रही थी. अनहोनी की आशंका को लेकर आनन-फानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल लाये. आवश्यक जांच के बाद चिकित्सक डॉ धीरेन्द्र प्रसाद सिंह चमकी बुखार नामक बीमारी की बात कह पटना जाने की सलाह दी.
पांच वर्ष तक के बच्चों को अधिक परेशानी
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. रमेश प्रसाद ने बताया कि जापानी इंसेफेलाइटिस या चमकी बुखार पांच वर्ष तक के बच्चों को अधिक परेशान करता है. इसके लक्षण चमकी लगकर बुखार आना, रह-रहकर बेहोश हो जाना, सांस संबंधी परेशानी होना है.
बच्चा खाली पेट ना रहे
अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया कि इसे लेकर सरकार के द्वारा नियमित टीकाकरण के तहत नौ माह व डेढ़ वर्ष पर सूई भी दी जा रही है.अगर बच्चा खाली पेट ना रहे, रात में खाकर सोए, गर्मी से बचे, शरीर में पानी की मात्रा बनी रहे तो काफी हद तक इसपर काबू पाया जा सकता है.
अपने बच्चों का रखें ध्यान
अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया कि सुबह अपने बच्चे को जगाने का प्रयास करें. देर होने के बाद वह नहीं जगे या बेहोशी के लक्षण के साथ चमकी आए तो तुरंत नजदीक के योग्य चिकित्सक की सलाह लें. वर्ष 2021 में खैरा प्रखंड में इसके एक मरीज मिले थे, जो सीधे पटना पीएमसीएच में भर्ती हुआ था. वहां इस बीमारी के इलाज को लेकर 10 बेड का अलग से वार्ड बनाया गया है.