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महावीर मंदिर में संगीतमय श्री सीता-राम विवाह उत्सव में झूमे भक्त, लोक गीतों से माहौल हुए भक्तिमय

Mahavir mandir: पटना के महावीर मंदिर में श्री सीताराम विवाह उत्सव झांकी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को मंदिर परिसर में दशरथ-कौशल्या नंदन श्री रामचंद्र जी और जनकसुता किशोरी के साथ विवाह का मंचन किया गया.

Mahaveer mandir patna: विवाह पंचमी के अवसर पर पटना के महावीर मंदिर में श्री सीताराम विवाह उत्सव झांकी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को मंदिर परिसर में दशरथ-कौशल्या नंदन श्री रामचंद्र जी और जनकसुता किशोरी यानि जानकी जी के साथ विवाह का मंचन किया गया. इस दौरान दूल्हा राम का ससुराल जनकपुर राजमहल में भव्य स्वागत किया गया. जनकपुर और मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार कलेबा का आयोजन हुआ। मिथिला क्षेत्र में दुल्हे को ससुराल में कलेबा में नाना प्रकार के व्यंजन खिलाए जाते हैं. इस अलौकिक कार्यक्रम को देखकर उपस्थित भक्त भाव विभोर हो गये.

जनकपुर धाम से आयी आदर्श सीताराम विवाह महोत्सव मंडली के कीर्तन-मंडली के पारंपरिक कलाकारों की मंडली द्वारा महावीर मन्दिर में बने सीताराम विवाह मंडप में दूसरे और अंतिम दिन श्रीराम कलेबा और विदाई के कार्यक्रम प्रस्तुत किया गये. मंडली के व्यास श्री रामपदारथ शर्मा एवं श्री गणेश ठाकुर ने मिथिला के पारंपरिक गीतों की संगीत-नृत्यमय प्रस्तुति की.

कलेबा का भोजन करने का दृश्य मंचित किया गया

महावीर मंदिर परिसर में राम-जानकी विवाह के दूसरे दिन जब जगत पालनहार विष्णु अवतार श्रीराम के कलेबा का भोजन करने का दृश्य मंचित किया गया. इस दृ्श्य को देखकर मंदिर परिसर में मौजूद भक्त भावविभोर हो उठे. ससुराल में श्रीराम जनकपुर की स्त्रियों की चुहलबाजी से जब मन्द-मन्द मुस्कुराते हैं, तो जनकपुर का राजमहल उल्लास और आनन्द से भर उठता है. महावीर मन्दिर में जनकपुर से आयी संगीत मंडली ने इस दृश्य को ऐसे उद्धृत किया- ‘तोरी मन्द मुस्कनवा राम, हिया बसी गैल…’

राम-सीता की भूमिका इन कलाकारों ने निभाई

बता दें कि राम एवं सीता की भूमिका सुनील कुमार एवं अमन कुमार नामक दो भाइयों ने निभाई. अन्य कलाकारों में विपिन ठाकुर, शिवचन्द्र चौधरी, मुखिया यादव, रामशरण यादव, देवेन्द्र निराला, रेणु देवी, अमृता राय आदि ने कार्यक्रम को भक्तिरस से सराबोर संगीतमय बनाने में बखूबी साथ दिया. बीच-बीच में विवाह के अवसर पर किये गये सभ्य हंसी-मजाक, चुहलबाजी से दर्शक रोमांचित होते रहे.

‘मर्याद’ एवं ‘विदाई’ की भी झांकी भी प्रस्तुत की गयी

मिथिला लोक-शैली में राजा जनकजी के राजदरबार के हास्य भरे माहौल का भी चित्रण इन कुशल कलाकारों ने किया. कलेबा के साथ ‘मर्याद’ एवं ‘विदाई’ की भी झांकी प्रस्तुत की गयी. फूलों की सेज पर पली-बढ़ी जनकपुर की राजदुलारी जानकी जी की विदाई का दृश्य देख मन्दिर प्रांगण में उपस्थित दर्शकों की आंखें नम हो गयीं. लोकाभिराम श्रीराम को अपनी आंखों से ओझल होने का दुःख मिथिलावासी सहन नहीं कर पा रहे थे.

लोक गीतों से माहौल हुआ भक्तिमय 

मिथिला की नारियां गाने लगीं- ‘रामजी रहि जाउ मिथिला नगरिया में..रामजी बड़ा सुख होई ससुररिया में …..’ संगीत एवं नृत्य से भरे इस कार्यक्रम में भक्ति, उल्लास एवं संगीत का सम्मिश्रण देखने लायक था. दोनों दिन महावीर मंदिर परिसर भक्तों से सराबोर रहा. राम कलेबा के अवसर पर भक्तों के बीच प्रसाद वितरण भी किया गया.

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