नाला खोदते समय गिरा दो मंजिला मकान, बाल-बाल बचीं घर की महिलाएं
नगर परिषद क्षेत्र के अहिरौली वार्ड 38 में नाला निर्माण के दौरान सोमवार को बड़ा हादसा हो गया है.
बक्सर. नगर परिषद क्षेत्र के अहिरौली वार्ड 38 में नाला निर्माण के दौरान सोमवार को बड़ा हादसा हो गया है. निर्माण कार्य के दौरान ही अचानक एक दो मंजिला मकान भरभरा कर गिर गया. जिसके बाद आस-पास में अफरा तफरी का माहौल कायम हो गयी. हालांकि हादसे से पूर्व ही मजदूरों एवं जेसीबी संचालक को मकान गिरने का आभास हो गया. जिसके बाद जेसीबी लेकर चालक भाग खड़ा हुआ. वहीं मकान के कुछ दूरी पर दोनों तरफ लोगों ने आवागमन को रोक दिया. जिससे इस बड़े हादसे के दौरान बड़ा हादसा व जान माल की क्षति से बचाया जा सका. नगर परिषद की गलत निर्माण कार्य का दो तल्ला मकान भेंट चढ़ गया है. ज्ञात हो कि नगर परिषद द्वारा नाला का निर्माण बांध से कराया जा रहा है. जिससे बड़े क्षेत्र के लोगों के घरों के पानी का निकास आसानी से हो सके. यह निर्माण नगर परिषद से कराया जा रहा है. इसकी जानकारी नगर परिषद के वार्ड पार्षद वार्ड नं 38 के दिनेश कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि नगर परिषद से निर्माण कराया जा रहा है. जबकि इस निर्माण को लेकर विभागीय स्वीकृति नहीं दी गयी है. न ही निर्माण को लेकर विभागीय इंजीनियरों से स्टीमेट ही बनाया गया है. विभाग इस कार्य से अपना पल्ला झाड़ दिया है. लेकिन हकीकत नगर परिषद में मची लूट खसोट का परिणाम है. जिसका भेंंट एक गरीब का भेंट चढ़ गया है. इसकी विशेष जांच प्रशासनिक अधिकारियों से की जानी चाहिए. जिससे यह स्पष्ट हो सके कि किस विभाग ने तथा किस योजना के तहत नाली का निर्माण कराया जा रहा है. नगर परिषद के अलग-अलग लोगों के अलग-अलग बयान प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है. इस नाला निर्माण में काफी अनियमितता बरती गयी है. बिना टेंडर का ही करोड़ों रुपये नाले के निर्माण पर खर्च किया जा रहा है. मामला नगर परिषद की लूट खसोट का कर रहा खुलासा : नगर परिषद के इंजीनियरों की माने तो इस निर्माण को लेकर किसी प्रकार का कोई स्टीमेट नहीं बनाया गया है. इसे किसी दूसरे विभाग का कार्य करार दिया है. जबकि वार्ड पार्षद के अनुशंसा के आधार पर ही वार्डों में निर्माण कार्य कराया जाता है. इस संबंध में वार्ड 38 के पार्षद दिनेश कुमार ने बताया कि उनके ही वार्ड में नगर परिषद से कार्य कराया जा रहा है. इस बीच जेसीबी से नाला की खुदाई के दौरान यह दुर्घटना हुई है. नगर परिषद में बिना प्रशासनिक स्वीकृति के ही जहां इच्छा किया बना दिया जा रहा सड़क व नाली. नगर परिषद क्षेत्र में फिलहाल जहां पाया खाली जमीन वहीं ढाल दिया नाली व गली. जिसके बाद स्टीमेट एवं प्रशासनिक स्वीकृति के साथ ही भुगतान की प्रक्रिया की जाती है. भुगतान भी अपने चहेतों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
अभी मामले को लेकर पूरी जानकारी नहीं मिली है. किसी के द्वारा अभी जानकारी नहीं दी गयी है. केवल घर गिरने की जानकारी मिली है. किसके द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है. इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.रवि कुमार सिंह, स्वच्छता अधिकारी, बक्सर
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