सात सूत्री मांगों को बिजली विभाग ने ठंडे बस्ते में डाला, आंदोलन की चेतावनी
नगर की बिजली समस्या को लेकर स्वयंशक्ति संगठन के आंदोलनकारियों ने एक बार फिर बिजली विभाग पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.
डुमरांव़ नगर की बिजली समस्या को लेकर स्वयंशक्ति संगठन के आंदोलनकारियों ने एक बार फिर बिजली विभाग पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. आंदोलनकारियों ने बताया कि सितंबर माह में नगर की बिजली संबंधी सात सूत्री मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल का कार्यक्रम किया गया था. इस दौरान बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता ने स्वयं मौके पर पहुंचकर आंदोलनकारियों को लिखित आश्वासन दिया था, जिसके बाद भूख हड़ताल समाप्त की गयी थी. आंदोलनकारियों के अनुसार, विभाग की ओर से यह आश्वासन दिया गया था कि नगर की बिजली से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान 31 दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जायेगा. हालांकि विभाग ने पहले छठ पर्व तक कार्य पूरा करने की समय-सीमा तय की थी, लेकिन आंदोलनकारियों ने विभाग को अतिरिक्त समय देते हुए 31 दिसम्बर तक का अवसर दिया. इसके बावजूद विभाग ने अब तक अपने वादे को गंभीरता से नहीं लिया. आंदोलनकारियों ने कहा कि आंदोलन समाप्त होने के बाद विभाग ने केवल दिखावे के लिए दो दिनों तक कार्य कराया, लेकिन इसके बाद काम पूरी तरह ठप हो गया. परिणामस्वरूप नगर में बिजली की समस्या जस की तस बनी हुई है. आये दिन बिजली कटौती, लो वोल्टेज और जर्जर तारों की समस्या से नगरवासी परेशान हैं. आंदोलनकारियों ने विभाग की उदासीनता पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अभी लगभग दस दिनों का समय शेष है. यदि विभाग इस अवधि में सभी कार्यों को पूरा कर देता है तो आंदोलन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. लेकिन यदि 31 दिसंबर तक कार्य पूर्ण नहीं होता है तो स्वयंशक्ति संगठन 1 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेगा, जो मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा, लेकिन नगरवासियों की समस्याओं को लेकर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा. संगठन ने प्रशासन से भी हस्तक्षेप कर बिजली विभाग को निर्देश देने की मांग की है, ताकि नगर की जनता को जल्द राहत मिल सके.
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