Buxar News: खतरे के निशान से नीचे आया गंगा का जल स्तर

गंगा के जलस्तर में ठहराव के बाद दो दिनों से अनवरत पानी घटने का सिलसिला जारी है. इससे गंगा व सहायक नदियों के तटीय इलाके के लोगों को राहत की मिलने की उम्मीद जग गई है

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | September 13, 2025 9:03 PM

बक्सर

. गंगा के जलस्तर में ठहराव के बाद दो दिनों से अनवरत पानी घटने का सिलसिला जारी है. इससे गंगा व सहायक नदियों के तटीय इलाके के लोगों को राहत की मिलने की उम्मीद जग गई है. राहत की बात यह है कि गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है. परंतु अभी हालात पूर्व की तरह बना हुआ है. लाल निशान पार करने के बाद 60.39 मीटर पर गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया था. जबकि शनिवार की शाम गंगा का जलस्तर खिसकते हुए 60.23 मीटर पर आ गया. ऐसे में उच्चतम बिंदु से 16 सेमी कम हुआ है. केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक जलस्तर में 2 घंटे में एक सेमी कमी आने का सिलसिला जारी है. लेकिन जलस्तर खिसकने की गति काफी कम होने से प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ की हालत जस-की-तस बने हुए हैं.

लाल निशान से 9 सेमी कम हुआ जलस्तर गंगा का जलस्तर गुरुवार की सुबह 60.39 मीटर पर पहुंचने के बाद खड़ा हो गया था. जबकि बुधवार को मध्याह्न 12 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 60.32 मीटर पर पहुंचने के बाद शाम पांच बजे 60.34 मीटर दर्ज किया गया था. जाहिर है कि बक्सर में चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर तथा खतरे का निशान 60.32 मीटर है. इस तरह खतरे के निशान से जल स्तर में 9 सेमी की गिरावट हुई है.

प्रभावित इलाकों के हालात में नहीं है सुधारजलस्तर में मामूली कमी आने के बाद भी गंगा के तटीय क्षेत्रों के हालात में अभी कोई सुधार नहीं है. हालांकि दो-तीन दिनों में राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. गंगा में आई बाढ़ के पानी के दबाव से उफनाई कर्मनाश व ठोरा नदी में भी पानी कम होने लगा है. तटीय क्षेत्र के खेतों में खड़ी फसलें डूबकर बर्बाद होने से किसानों की चिंता बढ़ गई हैं. बक्सर शहर स्थित रामरेखाघाट समेत अन्य गंगा घाटों की सीढ़ियां अभी भी डूबी हुई हैं और नावों का परिचालन ठप है. श्मशानघाट स्थित मुक्ति धाम में भी पानी के बहाव से जगह के अभाव में शव दाह में परेशानी हो रही है. रामरेखाट पर बने दोनों विवाह मंडपों से होकर गंगा की धारा बह रही है. जिससे वहां स्नान करने से लोग कतरा रहे हैं.

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