Bihar Election 2020 : चुनावी मौसम में तेज है पलायन की हवा, घट सकता है मतदान का प्रतिशत

गांव-गांव में जहां मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि जगहों से आई बसों से रोजी-रोटी के लिए मजदूर जा चुनाव के पूर्व ही यहां से पलायन कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar | October 5, 2020 10:13 AM

समस्तीपुर : एक तरफ विधानसभा चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हो चुकी है. गांव-गांव में जहां मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि जगहों से आई बसों से रोजी-रोटी के लिए मजदूर जा चुनाव के पूर्व ही यहां से पलायन कर रहे हैं. बसों पर कार्रवाई नहीं हो इसके लिए टूरिस्ट बसों का उपयोग किया जा रहा है.

मजदूरों को तैयार करने के लिए जगह-जगह एजेंट लगाए गए हैं, जो टोले-मोहल्ले में मजदूरों को तैयार करते हैं. चुनाव पूर्व ऐसे में मजदूरों का पलायन मतदान का प्रतिशत घटा सकता है. मजदूर बताते हैं कि रोसड़ा से बस आ रही है और रोजी-रोटी के लिए जा रहे हैं.

बताया कि पंजाब में धान की कटनी शुरू हो गई है. वहां मजदूरों की कमी पूरा करने के लिए समस्तीपुर, रोसड़ा प्रखंड क्षेत्र में ऐसे टूरिस्ट बसों का आना-जाना शुरू हो गया है, जिससे मजदूरों को भर-भरकर ले जाया जा रहा है. मजदूरों ने बताया कि पंजाब सहित कुछ अन्य जगहों पर इन दिनों धान की कटनी शुरू है. वे लोग वहीं जा रहे हैं.

मजदूरों ने बताया कि बस से जाने और आने का खर्च ले जानेवाले उठा रहे हैं. इससे उन लोगों को काफी लाभ दिखता है, जब तक बाहर में काम मिलता रहेगा, तब तक वहीं रहेंगे और काम खत्म होने के बाद वापस अपने-अपने घरों को आ जाएंगे.

एक मजदूर को बाहर जाने के लिए तैयार करने वाले एजेंट को दो सौ रुपये दिए जाते हैं. इस कारण वे काफी सक्रिय हैं. ऐसे एजेंटों का बस मालिक से सीधा संपर्क बना हुआ है, जिन बसों से मजदूरों को बाहर ले ले जाया जाता है उसे बिहार के गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं होती है. टूरिस्ट बस का बोर्ड लगाकर बस मालिक गांव-गांव जाकर मजदूरों को ढो रहे हैं.

टूरिस्ट बस के कुछ चालकों ने बताया कि उन सबों को उनके मालिक द्वारा नाम पता देकर भेजा जाता है और वह सब वहां पहुंचकर मजदूर को ले जाते हैं. दूसरी ओर ऐसी बसों से आए दिन मजदूरों को पलायन करते देख कोई बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हो रही है. इस कारण बस मालिक बेहिचक मजदूरों को बाहर ले जा रहे हैं.

Posted by Ashish Jha

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