बिहार के दो जिलों में एक साथ शुरू होगा मरीन ड्राइव प्रोजेक्ट का काम, क्लीयरेंस से खुलेगा आगे का रास्ता, देखिये लेटेस्ट अपडेट
Bihar: गंगा किनारे भागलपुर- मुंगेर के बीच प्रस्तावित मरीन ड्राइव परियोजना पर काम जल्द शुरू होने वाला है. बीएसआरडीसीएल ने भागलपुर जिला प्रशासन को भूमि अधिग्रहण प्रपोजल सौंप दिया है. आइये जानते हैं इस प्रोजेक्ट के बारे में.
Bihar: गंगा किनारे भागलपुर-मुंगेर के बीच प्रस्तावित मरीन ड्राइव अब कागजों से निकलकर जमीन पर उतरने की ओर निर्णायक कदम बढ़ा चुकी है. मंगलवार को बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (BSRDCL) की टीम भागलपुर पहुंची और जिला प्रशासन को एलएपी (लैंड एक्यूजिशन प्रपोजल) सौंप दिया. इसे परियोजना की सबसे महत्वपूर्ण औपचारिक शुरुआत माना जा रहा है, क्योंकि इसी दस्तावेज के आधार पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.
BSRDCL के अधिकारियों के अनुसार अगले 15 दिनों के अंदर अधियाचना भी जिला प्रशासन को भेज दी जायेगी, जिसके बाद भू-अर्जन कार्यालय जमीन चिह्नित करने की विस्तृत कार्यवाही शुरू करेगा. टीम के अनुसार इस चरण में यह स्पष्ट किया जायेगा कि किस हिस्से में सरकारी भूमि उपलब्ध है और किस हिस्से में निजी भूखंड अधिग्रहित करने होंगे. प्रशासन की भूमिका भी इस प्रक्रिया में अहम रहेगी, क्योंकि राजस्व अभिलेख, खाता-खेसरा और सीमांकन के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी.
इसके बाद एसआइए (सामाजिक प्रभाव आकलन) की प्रक्रिया पूरी की जायेगी, जिसमें यह रिपोर्ट बनायी जायेगी कि भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले परिवारों, किसानों और व्यापारियों पर कैसा असर पड़ेगा. उसी रिपोर्ट के आधार पर सेक्शन-11 के तहत अधिसूचना जारी की जायेगी और आधिकारिक रूप से भूमि अधिग्रहण शुरू होगा.
मुंगेर जिला प्रशासन को सात दिनों के अंदर सब्मिट करेंगे एलएपी
मुंगेर जिले में भी अधिग्रहण कार्य तेजी से शुरू होने की दिशा में कदम बढ़ रहा है. बीएसआरडीसीएल ने बताया कि अगले सात दिनों में मुंगेर जिला प्रशासन को भी एलएपी सौंप दिया जायेगा. विभाग ने देरी की वजह भी बतायी. पहले आठ किलोमीटर इलाके का नक्शा उपलब्ध नहीं हो पा रहा था, जिसकी वजह से जमीन अधिग्रहण संबंधी प्रपोजल नहीं दिया जा सका था. लेकिन, अब नक्शा मिल चुका है.
दोनों जिलों में सभी प्रक्रियाएं समान नियमों के तहत लागू होंगी
- राजस्व सर्वे
- भूखंड चिह्नांकन
- सार्वजनिक आपत्तियां
- सामाजिक प्रभाव आकलन
- मुआवजा निर्धारण
- भू-अधिग्रहण और हस्तांतरण
दोनों जिले में एक साथ शुरू होगा मरीन ड्राइव का निर्माण
विभाग ने स्पष्ट किया कि मरीन ड्राइव का निर्माण दोनों जिलों में एक साथ शुरू होगा. जैसे-जैसे जमीन उपलब्ध होती जायेगी,वैसे-वैसे निर्माण आगे बढ़ता जायेगा. उद्देश्य यह है कि किसी एक क्षेत्र के कार्य रुकने से पूरी परियोजना अटके नहीं.
हो चुका है निविदा और एजेंसी चयन
मरीन ड्राइव परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और कार्य एजेंसी का चयन भी हो चुका है. अब फील्ड में मशीनरी और श्रमिकों की तैनाती तभी होगी जब जमीन का हस्तांतरण प्रशासन द्वारा किया जायेगा. विभाग ने फिलहाल सर्वे, माप-जोख, वर्क-बाउंड्री और मार्ग निर्धारण का प्रारंभिक खाका तैयार कर लिया है.
वन विभाग को फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए लिखा पत्र
निर्माण कार्य शुरू करने के लिए बीएसआरडीसीएल के लिए दो तरह के क्लीयरेंस को लेना अनिवार्य है, जिसमें फॉरेस्ट क्लीयरेंस और एनवायरमेंट क्लीयरेंस शामिल हैं. विभाग ने बताया कि फॉरेस्ट विभाग को औपचारिक पत्र भेज दिया गया है, साथ ही पोर्टल पर तकनीकी आग्रह भी दर्ज कर दिया गया है. पर्यावरण अनुमति के लिए भी आवश्यक तकनीकी रिपोर्ट और मूल्यांकन शीघ्र ही जमा किया जायेगा.
मरीन ड्राइव का निर्माण दो चरणों में होगा
पहला चरण: सफियाबाद से सुल्तानगंज (35 किमी)
दूसरा चरण: सुल्तानगंज से सबौर (40.80 किमी)
लागत आयेगी
पहला चरण: 4450.17 करोड़ रुपये
दूसरा चरण: 3842.48 करोड़ रुपये
क्या बोले डीजीएम
बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के डीजीएम अभिषेक कुमार जमीन अधिग्रहण के लिए प्रपोजल जिला प्रशासन को सौंपा गया है. अगले 15 दिनों में अधियाचना भी सौंप दी जायेगी. फॉरेस्ट क्लियरेंस के लिए भी वन विभाग को लिखा गया है. नक्शा मिल गया है. मुंगेर के लिए सात दिनों के अंदर प्रपोजल सौंपा जायेगा. दोनों हिस्से में एक साथ काम शुरू होगा.
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