परसा गांव के सरेह में बाघों की चहल कदमी से दहशत में ग्रामीण

वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मंगुराहा रेंज के परसा गांव के सरेह में आए दिन बाघों की चहलकदमी से ग्रामीण दहशत की जिंदगी जी रहे हैं.

By SATISH KUMAR | July 31, 2025 6:35 PM

गौनाहा. वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मंगुराहा रेंज के परसा गांव के सरेह में आए दिन बाघों की चहलकदमी से ग्रामीण दहशत की जिंदगी जी रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार परसा गांव से पश्चिम व दक्षिण सरेह में दो बाघों के आने से लोगों का खेत खलिहान आना-जाना मवेशियों के लिए चारा घास काटना व मवेशियों को चराने ले जाना काफी मुश्किल हो गया है. इतना ही नहीं समीपवर्ती वन क्षेत्र के अलावा गन्ने के घने जंगल में छिपने की जगह अनुकूलित होने से बाघों का यहां शरणस्थली बनता जा रहा है. ग्रामीण होदा खां ,शकील खां, हफीज खां, हरेंद्र चौधरी ,लालू चौधरी, रामाधार यादव, राजमोहन यादव ,बुधु मियां आदि बताते हैं कि एक सप्ताह से रेलवे ढाला से पश्चिम व हुंडा सरेह में बाघों के गर्जना से लोगों के मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. गन्ने के खेतों में कई जगह नीलगायों को मारने की खबर मिल रही है. हालांकि अभी तक कोई बड़ी घटना की खबर नहीं मिली है. मगर हर समय ग्रामीणों के सिर पर भय का साया मंडरा रहा है. इन ग्रामीणों का कहना है कि गन्ने बड़े हो गये हैं. अब बाघों के आशियाने के रूप में छिपने का जगह मिल गया है. अब इधर से इन बाघों का निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं इसकी जानकारी देते हुए वन क्षेत्र पदाधिकारी मुमताज आलम ने बताया है कि इसकी जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी गई है. जिसको लेकर बाघ के ट्रैकिंग के लिए टीटी पीटी सहित वनकर्मियों को लगा दिया गया है. वहीं ग्रामीणों को सावधान रहने, अपनी सुरक्षा का करने व उधर नहीं जाने के लिए हिदायतें दिया जा रहा है. विभाग का प्रयास है कि ट्रैकिंग होते ही बाघ को जंगल की ओर भगा दिया जाय.

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