डोली उठने से पहले ही आंगन में सजीं दो अर्थियां, मची चीख-पुकार
प्रखंड के पिपरा कचहरी टोला गांव के शिवजी प्रसाद के घर बीते एक सप्ताह से खुशियों का माहौल था.
समीर वाजपेयी, योगापट्टी (पचं)प्रखंड के पिपरा कचहरी टोला गांव के शिवजी प्रसाद के घर बीते एक सप्ताह से खुशियों का माहौल था. मंगल गीत हो रहे थे. रविवार को बिटिया अंजू की शादी थी. बारात के स्वागत में पूरा परिवार जुटा था. शहनाइयों की धुन के बीच पूरा परिवार बारात के इंतजार में था. चाचा शिवजी प्रसाद अपने भतीजे जयप्रकाश के साथ खुद जनवासा पहुंच गये थे. बारातियों के नाश्ता व स्वागत में कोई कोर कसर नहीं रह जाय, खुद सबका प्रबंध कर रहे थे.
इसी बीच हुए एक हादसे ने सारी तस्वीर ही बदल दी. खबर मिली कि बाइक की टक्कर में शिवजी प्रसाद व जयप्रकाश की मौत हो गयी है. अचानक हुए इस हादसे ने परिवार की खुशियां मातम में बदल गयीं. चंद मिनट पहले जहां मंगलगीत हो रहे थे, वहां अब चीख पुकार मच गयी. शहनाइयों की धुन मातमी संगीत में बदल गये. जो परिवार की बिटिया की डोली सजा रहा था, वहां आंगन में अब दो अर्थियां भी सजने लगी. हालांकि ग्रामीणों ने मातमी माहौल के बीच बारातियों के स्वागत का मोर्चा संभाला. वैवाहिक रस्म निभायी गयी और बारात की विदाई भी की गयी.
इधर, चाचा व भाई की मौत के बाद दुल्हन बनी अंजू का रो-रो कर बुरा हाल रहा. वहीं शिवजी प्रसाद की पत्नी शिवकली देवी व जयप्रकाश की पत्नी रिंपू देवी की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो उठा था. परिजनों का करुण कंद्रन देख लोगों का कलेजा मुंह तक आ जा रहा था. इस परिवार की खुशियां एक झटके में खत्म हो गई थी. ग्रामीणों ने बताया कि शिवजी प्रसाद के दो बेटे और दो लड़कियां हैं. सभी की शादी हो चुकी है. वहीं मृत शिक्षक जयप्रकाश प्रसाद की शादी 2019 में रिंपू देवी से हुई थी. जिनके दो मासूम बच्चे हैं. घटना के बाद दोनों घरों में मातम पसरा है. मृत दोनों व्यक्तियों के परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल है. मातम चीत्कार से पूरा गांव में मानो दिन की उजाला भी काली रात सी दिख रही है. गांव के अधिकतर घरों के चूल्हे ठंडे पड़े हुए हैं. सभी का कहना है कि इस परिवार की खुशियों को किसी की नजर लग गई. जहां पूरा परिवार बिटिया की शादी को लेकर खुश था, वहां अब चीख पुकार के बीच निकली दो अर्थियां देख सभी के आंखों से आंसू निकल पड़े हैं.
इस हादसे में जान गंवाने वाले ओमप्रकाश के घर भी मातम पसरा हुआ है. ओमप्रकाश अपने चाचा के साथ बाइक से घर आ रहे थे. जब यह हादसा हुआ. ग्रामीणों की मानें तो ओमप्रकाश टेंट हाउस में कार्य करते थे और अपने परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्य थे. अब इनकी मौत के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
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