मुंशी टीपू पांडेय हत्याकांड का ट्रायल पूरा, एक सितंबर को आयेगा फैसला
बगहा-छितौनी रोड निर्माण के दौरान 27 वर्ष पहले हुए मुंशी टीपू पांडेय की हत्याकांड में जिला जज चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने सुनवाई पूरा किया है.
बगहा. बगहा-छितौनी रोड निर्माण के दौरान 27 वर्ष पहले हुए मुंशी टीपू पांडेय की हत्याकांड में जिला जज चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने सुनवाई पूरा किया है. दोनों पक्ष से अपना-अपना साक्ष्य और सबूत कोर्ट को दिया जा चुका है. अंतिम सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता सत्येंद्र मिश्र ने कोर्ट को बताया कि इस कांड के सूचक विपिन कुमार सिंह ही था और पुलिस ने उसे ही अभियुक्त बना दिया. पुलिस असल कातिल तक नहीं पहुंची तो बिना साक्ष्य के आरोपित कर दिया. इस केस में 09 साक्षी पक्ष द्रोही हो चुके हैं. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, केस की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी तक कोर्ट में नहीं आए. इस कांड में कोई चश्मदीद नहीं है. किसी ने यह नहीं देखा कि हत्या किसने किया. अन्य साक्षी मृतक के मां और दोनों भाई है, जिन्होंने घटना घटित होते देख ही नहीं है. मृतक की मां ट्रायल के दौरान ही मर गयी वह साक्ष्य देने नहीं आई. पुलिस ने अपने अनुसंधान में गुड्डू गुप्ता को निर्दोष पाया था. अभियुक्त गुड्डू गुप्ता घटनास्थल पर उपस्थिति भी नहीं था. अभियुक्त गुड्डू गुप्ता एवं मृतक में कोई दुश्मनी नहीं थी. राजनीति वश गुड्डू गुप्ता को आरोपी बना दिया गया. जबकि अभियोजन पदाधिकारी जितेंद्र भारती ने कोर्ट को बताया कि इस केस में प्लानिंग के तहत कांड के सूचक विपिन कुमार सिंह और ठेकेदार गुड्डू गुप्ता ने घर से बुलाकर ले जाकर हत्या किया और घटनाक्रम को मोड़ते हुए दूसरे के मध्य करने की कोशिश की गयी है. इन लोगों के प्रभाव के कारण कई साक्षी पक्ष द्रोही हो गए. दोनों तरफ के बहस को सुनने के बाद कोर्ट ने 1 सितंबर को तिथि मुकर्रर की है. उस दिन कोर्ट का फैसला आ सकता है. इस कांड पर लोगों की नजर भी टिकी हुई है. वहीं पीड़ित परिजनों को इंसाफ का भरोसा है. पुलिस की जांच में पलट गया था सूचक का गढ़ा गया लिखावट नौरंगिया थाना में सूचक विपिन कुमार सिंह की तहरीर पर कांड दर्ज किया गया था. विपिन कुमार सिंह के द्वारा गढ़ा गया लिखावट (स्क्रिप्ट) ही पलट गया. केस के आइओ राजीव रंजन ने तीन वर्षों तक जांच के बाद पाया कि घटनास्थल पर दूसरे अपराधियों के आने का कोई साक्ष्य नहीं मिला. विपिन कुमार सिंह के गन से निकली गोली से ही टीपू की हत्या हो गयी. पुलिस ने विपिन कुमार सिंह पर चार्जशीट सौंप दी. जबकि ठेकेदार गुड्डू गुप्ता व प्रत्यक्षदर्शी भरत कुमार को भी पुलिस ने जांच में दोषी नहीं माना था. टीपू पांडेय को घर से बुलाकर ले गए थे ठेकेदार कांड के पृथक वाद में पुलिस ने मृतक की मां राधा देवी, मृतक का भाई जय प्रकाश पांडेय का 164 का बयान भी न्यायालय में कराया था. दोनों साक्षी ने अभियुक्त गुड्डू गुप्ता, विपिन कुमार सिंह पर हत्या करने का आरोप लगाया था. गुड्डू गुप्ता पर आरोप है कि ठेकेदार के यहां टीपू पांडेय मुंशी का कार्य करता था. गुड्डू गुप्ता पर आरोप है कि घटना के दिन वह मृतक को घर से बुलाकर ले गया. मृतक जाने के समय पिछले मजदूरी भुगतान की मांग कर रहा था, तो गुड्डू गुप्ता ने कहा, चलो आज तुम्हारा सब हिसाब कर देंगे. कोर्ट ने ठेकेदार के खिलाफ भी लिया था संज्ञान पुलिस के जांच में ठेकेदार गुड्डू गुप्ता निर्दोष पाया गया. न्यायालय ने पुलिस अनुसंधान को अस्वीकृत करते हुए गुड्डू गुप्ता पर भी संज्ञान लिया. आरोपित गुड्डू गुप्ता संज्ञान के आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट गया. जहां उसे राहत नहीं मिली है. हत्याकांड को भी जानें बगहा के बनकटवा गांव के रहने वाला टीपू पांडेय बगहा बाजार के रहने वाले सुशील कुमार गुप्ता के पुत्र गुड्डू गुप्ता जो ठेकेदार है, उनके यहां मुंशी का कार्य करता था. वर्ष 1998 में गुड्डू गुप्ता के साथ टीपू पांडेय व बबुई टोला के रहने वाले विपिन कुमार सिंह साथ में मदनपुर-छितौली रेल लाइन के बांध पर काम कर रहे थे. इस दौरान सुबह 8:45 बजे साइड पर पहुंचे. गुड्डू साइड पर टीपू व विपिन को छोड़कर काम को देखने आगे बढ़ गए. इतने में हथियार से लैस एक अपराधी आया और टीपू को गोली मारकर हत्या कर दी. विपिन ने अपने गन से उस पर फायर किया तो वह भाग निकला. पीछा किया तो आगे पांच-छह की संख्या में अपराधी लुंगी व कुर्ता पहने हथियारों से लैस होकर भाग निकले. विपिन के बयान पर कांड दर्ज कराया गया था, जिस पर साक्षी के रूप में अभियुक्त गुड्डू गुप्ता ने हस्ताक्षर किया था. इस कांड के मूल वाद में अन्य अभियुक्त विपिन कुमार सिंह के विरुद्ध 12 जून 2025 को ही फैसला सुनाया जा चुका है.
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