नाबालिग को भगाने एवं उसके साथ दुष्कर्म करने के दोषी को दस वर्ष की सजा
नाबालिग लड़की को शादी का झांसा देकर घर से भगाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए रेप एवं पोक्सो एक्ट के अनन्य विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार गुप्ता ने नामजद अभियुक्त वीरेंद्र कुमार को दोषी पाते हुए उसे 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
बेतिया. नाबालिग लड़की को शादी का झांसा देकर घर से भगाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए रेप एवं पोक्सो एक्ट के अनन्य विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार गुप्ता ने नामजद अभियुक्त वीरेंद्र कुमार को दोषी पाते हुए उसे 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उसके ऊपर विशेष न्यायाधीश ने साठ हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करने पर उसे अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. न्यायाधीश ने अपने फैसले में बिहार पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को तीन लाख रुपए मुआवजा भी देने का निर्देश दिया है. सजायाफ्ता वीरेंद्र कुमार नौरंगिया थाने के पटेसरा चिमनी टोला का रहने वाला है. पोक्सो एक्ट के अनन्य विशेष लोक अभियोजक जयशंकर तिवारी ने बताया कि घटना वर्ष 2018 की है. सजायाफ्ता वीरेंद्र कुमार एक नाबालिग को शादी का झांसा देकर घर से भगा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म करता रहा. इसी बीच नाबालिग गर्भवती हो गई. इसका पता जब लड़की के घर वालों को हुई तो उन लोगों ने इस संबंध में पंचायती बुलाई. पंचों ने फैसला सुनाया कि इस परिस्थिति में दोनों की शादी कर दी जाएगी, लेकिन वीरेंद्र कुमार ने पंचायती मानने से इनकार कर दिया और नाबालिग को दवा खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया. साथ ही उसे मारपीट कर घर से भगा दिया. उसके बाद पीड़िता ने महिला थाने बगहा में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसी मामले की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के माध्यम से पूरी करते हुए विशेष न्यायाधीश ने यह सजा सुनाई है.
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