एपी तटबंध पर बढ़ा गंडक नदी का दबाव, बचाव कार्य में जुटे अभियंता
सीमावर्ती उत्तर प्रदेश स्थित नरवाजोत के सामने एपी तटबंध के पांच किमी पर गंडक नदी का दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा है.
ठकराहा. सीमावर्ती उत्तर प्रदेश स्थित नरवाजोत के सामने एपी तटबंध के पांच किमी पर गंडक नदी का दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा है. जिसे देख कंट्री साइड में बसे उत्तर प्रदेश और बिहार में निवास कर रहे है. लोगों को कटाव और बाढ़ की त्रासदी का भय सताने लगा है. अचानक गंडक नदी का झुकाव उक्त बिंदु पर होने से बोल्डर एज और बेडवार धीरे-धीरे नदी में विलीन हो रहे है. जिसके कारण कर्व की स्थिति बनी हुई है और तेज बैकरोलिंग से अप स्ट्रीम में कटाव की गति बढ़ गयी है. फलस्वरूप लगातार गन्ना व धान की फसल नदी में समाहित होते जा रहे है. स्थानीय लोगों ने बताया कि शनिवार से ही नदी का रुख बिगड़ा है. जबकि विभाग सोमवार की रात से सक्रिय हुआ. लेकिन कटाव को नियंत्रित कर पाने में विभागीय अभियंता असमर्थ है. यदि समय से बचाव कार्य किया गया होता तो तटबंध पर दबाव नहीं बना होता. ग्रामीणों ने बताया कि शायद विभागीय अभियंता अवसर तलाश रहे थे कि स्थिति भयावह होने के उपरांत ही बचाव कार्य शुरू किया जाएगा. ताकि अफरा-तफरी के माहौल में आसानी से लूट खसोट को अंजाम दिया जा सके. वही स्थानीय लोगों ने बताया कि बचाव कार्य में तकनीकी खामियों को नजरअंदाज किया जा रहा है. जाली में मानक के अनुरूप बोल्डर नहीं डाला जा रहा है. साथ ही ग्रेबियन में फटी पुरानी बालू भरी बोरियां डाल कर नदी में फेंका जा है. जिससे बचाव कार्य नाकाम साबित होता दिख रहा है. वहीं मौके पर मौजूद सहायक अभियंता दीपरत्न सिंह ने बताया कि वेट एंड वॉच में थे. लेकिन कटाव की गति बढ़ते देख बचाव कार्य शुरू किया गया है. मैन पावर और संसाधन की कमी नहीं है. तटबंध को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.
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