गरमा धान से बदल रही किसानों की किस्मत, थरुहट क्षेत्रों में गरमा धान के रोपनी हुई शुरू
थरुहट के विभिन्न क्षेत्रों में किसानों द्वारा गरमा धान की रोपनी शुरू कर दी गयी है.
हरनाटांड़. थरुहट के विभिन्न क्षेत्रों में किसानों द्वारा गरमा धान की रोपनी शुरू कर दी गयी है. हालांकि मौसम में तेज धूप व गर्मी बढ़ रही है. गरमा धान की अप्रैल महीने में रोपनी की जाती है. बगहा दो प्रखंड अंतर्गत हरनाटांड़ पंचायत के बैरिया खुर्द गांव निवासी व किसान चंद्रभान काजी ने बताया कि चार एकड़ में तीन फसलों का उत्पादन करते है. एक ही खेत में तीन फसल उत्पादन करते है. दो बार धान फसल एवं एक बार तिलहन खेती करते है. तीनों फसल उत्पादन कर अपने परिवार का जीवनयापन करते है. अन्य खेतों में अच्छी किस्म की गन्ना भी उत्पादन करते है. उनके अच्छे किसान होने के कारण थारू बौद्धिक विचार मंच द्वारा सम्मानित भी किया गया है. थरुहट क्षेत्र के थारू लोग मुख्य रूप से खेती पर निर्भर हैं और वे धान, गेहूं, तिलहन, मक्का आदि सब्जियां उगाते हैं. 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है फसल
थरुहट क्षेत्र को कहा जाता है धान का कटोरा, होती है अच्छी आमदनी
थरुहट क्षेत्र को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां के किसान धान की उन्नत किस्म की पैदावार कर अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं. मंसूर, बासमती से पहचाना जाता है. गरमा धान सामान्य धान की खेती से थोड़ी अलग है. इसमें किसान कम समय में धान की फसल की पैदावार कर दूसरी फसल भी रोप लेते हैं. थरुहट क्षेत्र के मिश्रौली गांव के किसान अभिषेक कुमार, मझौआ गांव किसान रविंद्र ओजहिया, बकुली के तेज प्रताप काजी आदि ने बताया कि इन क्षेत्रों में सिंचाई के लिए एकमात्र साधन पईन ही है, जो जंगल-पहाड़ों से निकलकर खेतों तक पहुंचती है. कुछ दिनों से बिजली भी मिल रही है. जिससे समय-समय से पटवन हो जा रही है. फसल के खेती के लिए हमें सरकारी स्तर पर कोई प्रोत्साहन नहीं मिलता है. अगर सरकार प्रोत्साहन दे तो उसकी उपज की मात्रा बढ़ सकती है. वहीं थरुहट प्रगतिशील संस्था अध्यक्ष सुरेश प्रसाद ने बताया कि थरुहट के कर्मठ किसानों ने गरमा धान रोपनी करना शुरू कर दिये है. एक ही खेत में तीन फसल उपज कर रहे है. कृषि विभाग द्वारा हम किसानों को समय-समय पर जानकारी और संसाधन मुहैया कराने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
