नेपाली हाथियों को रास आ रहा वीटीआर की हरियाली, लगातार कर रहे विचरण

वीटीआर वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र में इन दिनों नियमित अंतराल पर पड़ोसी देश नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज के जंगली हाथियों का विचरण रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

By SATISH KUMAR | August 21, 2025 6:31 PM

वाल्मीकिनगर. वीटीआर वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र में इन दिनों नियमित अंतराल पर पड़ोसी देश नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज के जंगली हाथियों का विचरण रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बीते तीन दिन पहले वाल्मीकि आश्रम के पास से नेपाल की तरफ खदेड़े गए पड़ोसी देश नेपाल के जंगली हाथी भारत-नेपाल की खुली सीमा का फायदा उठाते हुए फिर से टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र में आ गए हैं. नेपाली हाथियों ने बुधवार की रात में भारतीय क्षेत्र में दरूआबारी गांव के पास स्थित वन विभाग के एपीसी (एंटी पोचिंग कैंप) के चैन फिनिशिंग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है. बताते चलें कि अभी तीन दिन पहले ही नेपाली हाथियों को वाल्मीकि आश्रम के समीप एसएसबी कैंप के पास वन कर्मियों ने पटाखा फोड़ कर तथा लाठी डंडा के सहारे वापस नेपाल की ओर भगा दिया था. ज्ञात हो कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की आबोहवा, हरियाली, पीने के पानी तथा यहां मिल रहे भरपूर मात्रा में भोजन के कारण नेपाली हाथी वापस वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में फिर आ धमके है. 15 दिनों में तीसरी वाल्मीकिनगर की तरफ रुख किये नेपाली हाथी वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के रेंजर ने बताया कि 15 दिन के अंदर तीन बार चितवन निकुंज के नेपाली हाथियों ने वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र की तरफ रुख किया है. अभी तीन दिन पहले ही वाल्मीकि आश्रम के पास स्थित एसएसबी के जांच पोस्ट को नेपाली हाथियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था. जिसके पश्चात नेपाली हाथियों को वन कर्मियों ने सोनहा नदी के रास्ते नेपाल की तरफ खदेड़ा था. बताते चलें कि पगमार्क के मुताबिक अनुमान है कि चितवन निकुंज से आए नेपाली हाथियों के झुंड में दो शावक सहित कुल छह हाथी हो सकते हैं. नेपाली हाथियों का पग मार्क दरुआबारी के पास दोन कैनाल के सड़क पर मिला है. जिससे यह पुष्टि होता है कि नेपाली हाथी वाल्मीकिनगर तथा गोनौली वन क्षेत्र के बीच ही अपना ठिकाना बनाए हुए है. दरुआबारी एपीसी में नेपाली हाथियों के आने से जंगल से सटे गांव के ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया है. ग्रामीणों में अपने खेत में लगे फसलों का हाथियों के द्वारा कुचले जाने तथा नुकसान होने का डर पैदा हो गया है. इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर अमित कुमार ने बताया कि दोन सेवा पथ पर हाथियों के पग मार्क मिले हैं. वन कर्मियों द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है. यह हाथी स्वभाव से आक्रामक होते है.

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