Bettiah Raj Property: बेतिया राज की कोठी अब यूपी सरकार की हुई! बनाया जाएगा भव्य सर्किट हाउस
Bettiah Raj Property: प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित बेतिया राजघराने की जानकी कुंवर सिंह द्वारा बनवाई गई कोठी अब उत्तर प्रदेश स्टेट के नाम हो चुकी है. यहां विशिष्ट अतिथि गृह और औद्योगिक न्यायाधिकरण का भवन बनाया जाएगा. पढे़ं पूरी खबर…
Bettiah Raj Property: प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित बेतिया राजघराने की भव्य और ऐतिहासिक कोठी अब आधिकारिक रूप से उत्तर प्रदेश सरकार की संपत्ति बन गई है. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने इस कोठी और इससे जुड़ी जमीन को राज्य के पक्ष में आदेशित कर दिया है. इस फैसले के तहत अब इस जमीन पर एक अत्याधुनिक विशिष्ट अतिथि गृह (सर्किट हाउस) का निर्माण कराया जाएगा, जो सरकारी व विशिष्ट आगंतुकों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा.
जानकी कुंवर सिंह की विरासत
यह कोठी बेतिया राजघराने के अंतिम राजा हरेंद्र किशोर सिंह की दूसरी पत्नी जानकी कुंवर सिंह द्वारा बनवाई गई थी. स्ट्रेची रोड पर स्थित यह कोठी वर्षों तक उनकी निजी संपत्ति रही. 24 नवंबर 1954 को जानकी कुंवर सिंह का निधन इसी भवन में हुआ था. उनके बाद इस कोठी में वर्षों तक सेवक और कर्मचारी निवास करते रहे. समय के साथ यह संपत्ति उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन आ गई और इसमें औद्योगिक न्यायाधिकरण का कार्यालय भी स्थापित हुआ, जो अब भी संचालन में है.
नए भवन निर्माण की योजना तैयार
अब जिला प्रशासन की योजना के तहत इस ऐतिहासिक परिसर में विशिष्ट अतिथि गृह के साथ-साथ औद्योगिक न्यायाधिकरण और लेबर कोर्ट का नया भवन भी बनाया जाएगा. प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि स्ट्रेची रोड पर स्थित इस कोठी और उसकी जमीन का आधिकारिक आदेश उत्तर प्रदेश स्टेट के पक्ष में कर दिया गया है. प्रस्तावित निर्माण कार्यों के लिए योजना तैयार की जा रही है, जिससे इस क्षेत्र को प्रशासनिक दृष्टि से और भी अधिक उपयोगी बनाया जा सकेगा.
अधिकारियों की बैठक के बाद हुआ फैसला
यह फैसला यूं ही नहीं हुआ. दरअसल, पिछले छह महीनों से बिहार राजस्व परिषद के वरिष्ठ अधिकारी सिविल लाइंस, मुट्ठीगंज और बघाड़ा क्षेत्रों में बेतिया राज की संपत्तियों का सर्वेक्षण और पुनः अधिग्रहण का प्रयास कर रहे थे. इसके लिए प्रयागराज में कटरा के पास बिहार राजस्व परिषद का कार्यालय भी खोला गया. इन प्रयासों के बीच यूपी और बिहार के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच लंबी वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया. नोडल अधिकारी संजीव कुमार राय के अनुसार, विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने और आपसी समन्वय के बाद ही यह ऐतिहासिक निर्णय संभव हो सका.
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