भोजपुरिया संझा में रंजना झा के गीतों पर झुमते रहे श्रोता

संस्कार भारती, अम्मा ट्रस्ट और आरोही कला संस्कृति वेलफेयर ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भोजपुरिया कला जुटान अपनी प्रस्तुति देने के लिए संस्कार भारती उत्तर बिहार की संस्कार भारती की अध्यक्ष और संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत बिहार की प्रसिद्ध लोकगायिका रंजना झा पहुंची.

By SATISH KUMAR | August 11, 2025 9:08 PM

बेतिया. संस्कार भारती, अम्मा ट्रस्ट और आरोही कला संस्कृति वेलफेयर ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भोजपुरिया कला जुटान अपनी प्रस्तुति देने के लिए संस्कार भारती उत्तर बिहार की संस्कार भारती की अध्यक्ष और संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत बिहार की प्रसिद्ध लोकगायिका रंजना झा पहुंची. जहां भोजपुरिया संझा कार्यक्रम में उन्होंने अपनी प्रस्तुति से शमां बांध दिया. इस क्रम में उन्होंने कजरी, झूमर जैसे पारंपरिक गीत गाए. इस क्रम में जब उन्होंने प्रसिद्ध लोकगीत ””””एही झुलनी के छईयां बलम दुपहरिया बिताई लऽ ना”””” गाया तो दर्शक वाह-वाह कर उठे. इस क्रम में उन्होंने भारतीय परंपरा से प्रकृति के जुड़ाव को भी समझाया और कहां कि पहले का जीवन गांव देहात से जुड़ा होता था, कितनी शांति रहती थी. आज शहरी जीवन में आपाधापी का वातावरण है, लेकिन अशांति छाई रहती है. हम जितनी आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं, उतना ही अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं. अपनी जड़ों की ओर लौटना आवश्यक है. इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति दी. चंपारण के प्रसिद्ध गायक और संस्कार भारती के कार्यकर्ता अरविंद लाल यादव, अंशुमान, गुड्डू कुमार और खुशबू मिश्रा ने अपने गायन से सबका मन मोह लिया. धन्यवाद महामंत्री चंदन झा ने किया. मौके पर संस्कार भारती के जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र शरण, प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ दिवाकर राय, शिक्षाविद् प्रतीक शर्मा, अखिलेश्वर मिश्र, मदन बनिक, मनोज कुमार, अनिल शर्मा, सत्यम मिश्रा आदि उपस्थित रहे. देश भक्ति गीत गायन प्रतियोगिता की रही धूम, पुरस्कार पाकर बच्चों के खिले चेहरे बेतिया.संस्कार भारती, अम्मा ट्रस्ट और आरोही कला संस्कृति वेलफेयर ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में भोजपुरिया कल जुटान के दौरान भोजपुरी देशभक्ति गीत गायन प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ, जिसमें जिले भर के दर्जनों सरकारी और निजी विद्यालय तथा निजी समूहों में हिस्सा लिया. कार्यक्रम के संयोजक अंशुमान कुमार ने बताया कि इन विद्यालयों से न्यूनतम 5 और अधिकतम 7 प्रतिभागियों के समूहों ने हिस्सा लिया था. एक संस्थान से अधिकतम दो समूहों के हिस्सा लेने की छूट थी. इस क्रम में कुल 26 टीम ने इस प्रतियोगिता में अपनी भागीदारी प्रस्तुत की. इन समूहों ने आजादी के समय गाये गए भोजपुरी देशभक्ति गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी. बता दें कि इस प्रतियोगिता में सत्यम संगीत कला केंद्र के बच्चों को प्रथम पुरस्कार मिला. वहीं द्वितीय स्थान पर राजकीय मध्य विद्यालय मालकौली पटखौली की बच्चियां रहीं और तृतीय स्थान पर सरस्वती शिशु मंदिर बरवत सेना के बच्चे रहे. संस्कार भारती के महामंत्री चंदन झा ने बताया कि प्रथम पुरस्कार के लिए दस हजार, द्वितीय पुरस्कार के लिए सात हजार और तृतीय पुरस्कार के लिए पांच हजार की नगद राशि तय की गई थी. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के प्रसिद्ध लोक गायक और कार्यक्रम में जज की भूमिका निभा रहे उदय नारायण सिंह ने कहा कि आधुनिक बच्चों को प्राचीनता से जोड़ने की संस्कार भारती की यह बड़ी अच्छी पहल है. जिन बच्चों ने ये गीत गाये, वे बच्चे आज के जमाने में रैप सांग और न जाने किस तरह के आधुनिक गानों के सुनने के शौकीन हैं, लेकिन उन बच्चों के मुंह से जब यह पुराने गीतों को सुनने का अवसर मिला तो, यह रोमांचित करने वाला अवसर है. झूमर, कजरी, जतसार जैसे पारंपरिक गानों की प्रस्तुति आधुनिक बच्चों के मुंह से इस कार्यक्रम की सफलता का द्योतक है. इस मौके पर एमजेके कॉलेज के पूर्व हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉ परमेश्वर भक्त, समाजसेवी प्रतीक एडवीन, संगीत शिक्षक राजेश मिश्रा, शिक्षक राजेश राय, प्रशांत झा, संस्कार भारती के उपाध्यक्ष संदीप राय, रविराज गौतम, इंजीनियर संदीप राय, डॉ विकास कुमार, सत्यम मिश्रा आदि उपस्थित रहे. खादी भूषाचार में अंशिका और शुभ रहे विजेता बेतिया. भोजपुरिया कला जुटान के दौरान फैशन शो को परंपरागत दृष्टि से करने का एक नया प्रयोग किया गया है, जिसकी चर्चा पूरे जिले में रही. संस्कार भारती के जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र शरण ने बताया कि संस्कार भारती अपने मूल्य की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इसलिए आधुनिक चीजों में भी परंपरिकता का समावेश करने का अभिनव प्रयोग करती रहती है. भोजपुरी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ऐसा फैशन शो जिसमें सभी व्रत त्योहारों की झलक हो यह एक अद्भुत कल्पना है. बता दें कि इस प्रतियोगिता में अंशिका, मानसी, सृष्टि, कनक, शुभ, आदित्य, अमन जय, माहिर, मनीषा, सीता गुप्ता श्रेया, ऐश्वर्या, परी, शुभ, शौर्य और आनंद विजेता रहे. जिन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको तालियां बजाने पर विवश किया.

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