Bettiah: शहर की हवा हो रही जहरीली, एक्यूआई स्तर 300 के पार
शहर में वायु प्रदूषण चरम पर पहुंच गया है. वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 300 से ऊपर पहुंचने के कारण हवा जहरीली हो चुकी है
बेतिया . शहर में वायु प्रदूषण चरम पर पहुंच गया है. वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 300 से ऊपर पहुंचने के कारण हवा जहरीली हो चुकी है, जो गंभीर श्रेणी में आता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, मुख्य प्रदूषक पीएम 2.5 कण हैं, जो फेफड़ों तक पहुंचकर सांस संबंधी बीमारियां फैला रहे हैं.जानकारों का कहना है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोगों के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं. शहर में ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण के स्रोतों ने हवा को और जहरीला बना दिया है. धुंआ छोड़ते पुराने वाहन, लगातार प्रेशर हॉर्न बजाने से निकलने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड गैसें और सड़कों-घरों पर जलाए जा रहे अलाव मुख्य दोषी हैं. यातायात जाम वाली सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ने से उत्सर्जन दोगुना हो गया है. पर्यावरणविद् बताते हैं कि वाहनों से निकलने वाले कण हवा में घुलकर पीएम 2.5 का रूप ले लेते हैं, जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए घातक हैं. अलाव जलाना तो ठंड में आम है, लेकिन इससे कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ रहा है, जो सांस लेना मुश्किल कर देता है. नगर निगम की ओर से कोई ठोस पहल नजर नहीं आ रही. न तो वाहनों की जांच अभियान चलाया जा रहा है, न ही अलाव जलाने पर रोक लगाया जा रहा है. ना ही शहर में फैलते प्रदूषण को रोकने के लिए फव्वारों की बौछार हो रही है. स्थानीय निवासी व विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अनिल कुमार सिंह कहते हैं, हर सुबह खांसी और आंखों में जलन हो रही है. प्रशासन सो रहा है, जबकि शहर में मास्क वितरण और जागरूकता अभियान चलना चाहिए हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले सप्ताह सांस की बीमारियों से ओपीडी में 30 फीसदी की वृद्धि हुयी है. वहीं जीएमसीएच समेत निजी क्लीनिकों पर भी सांस एवं खांसी की तकलीफ से लोगों का जमावड़ा हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिर्पोट के अनुसार, 300 एक्यूआई पर स्वस्थ व्यक्ति को भी बाहर निकलने से बचना चाहिए. प्रदूषण कम करने के लिए विशेषज्ञ हवा शुद्धिकरण उपाय, वाहन उत्सर्जन जांच और अलाव पर प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं. बेतिया के लोग अब प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की अपील कर रहे हैं. ताकि यह सांस का संकट और न फैले.
जीएमसीएच 3756 मरीज अस्पताल पहुंचे और करायी जांच
शहर समेत आसपास के इलाके में बढ़ते एक्यूआई और जहरीली हवा ने लोगों की सेहत पर सीधा असर डाला है. हालात ये हैं कि जीएमसीएच की ओपीडी पिछले तीन दिनों से मरीजों से भरी पड़ी है. सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और सिरदर्द जैसी समस्याओं समेत अन्य बीमारियों से परेशान करीब 3756 मरीज अस्पताल पहुंचे और जांच कराई. डॉक्टरों के मुताबिक प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसकी मार सबसे ज्यादा बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों पर पड़ रही है. लगातार बढ़ रही भीड़ इस बात का संकेत है कि हवा ज़हरीली हो चुकी है और सतर्क होना बेहद जरूरी है.तारीख एक्यूआई स्तर श्रेणी
4 दिसंबर 178 बहुत खराब5 दिसंबर 195 बहुत खराब6 दिसंबर 210 बहुत खराब7 दिसंबर 229 गंभीर8 दिसंबर 172 बहुत खराब9 दिसंबर 306 गंभीर10 दिसंबर 290 गंभीर11 दिसंबर 297 गंभीर12 दिसंबर 313 अत्यंत खराबडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
